तरंग

testwiki से
imported>JavaHurricane द्वारा परिवर्तित १०:२४, ४ अप्रैल २०२४ का अवतरण (2A09:BAC1:3680:248:0:0:31:D5 (Talk) के संपादनों को हटाकर SM7 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

साँचा:About


जल में पृष्ठीय तरंग

तरंग (Wave) का अर्थ होता है - 'लहर'। भौतिकी में तरंग का अभिप्राय अधिक व्यापक होता है जहां यह कई प्रकार के कंपन या दोलन को व्यक्त करता है। इसके अन्तर्गत यांत्रिक, विद्युतचुम्बकीय, ऊष्मीय इत्यादि कई प्रकार की तरंग-गति का अध्ययन किया जाता है।

तरंगों के द्वारा ऊर्जा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है

तरंग के गुण

तरंग का ग्राफीय चित्रण

किसी तरंग का गुण उसके इन मानकों द्वारा निर्धारित किया जाता है

यह सिद्ध किया जा सकता है कि-

v = nl

जहाँ v तरंग का वेग है, n तरंग की आवृत्ति है और l तरंग की तरंगदैर्घ्य (wavelength) है।

विशिष्टताएँ (charecteristics)

तरंगें निम्नलिखित गुण प्रदर्शित करतीं हैं-

तरंग के प्रकार

यांत्रिक तरंगे (Mechanical waves) – वे तरंगें जो पदार्थिक माध्यम (ठोस,द्रव एवं गैस) में संचरित होती है जैसे ध्वनि, पराश्रव्य तरंग (ultrasonic waves), पराध्वनिक (supersonic), जल के सतह पर उठने वाली तरंग, आदि

यह दो प्रकार की होती है 1.अनुप्रस्थ तरंगें 2.अनुदैर्ध्य तरंगें

अयांत्रिक तरंगें या विद्युत चुम्बकीय तरंग (Electromagnetic wave) – वैसी तरंगें जिसके संचरण के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है अर्थात तरंगें निर्वात में भी संचरित हो सकती है यह एक ही चाल से चलती है जैसे- प्रकाश, उष्मा, रेडियो एवं एक्स-रे तरंगें आदि


गति की दिशा तथा कम्पन की दिशा के सम्बन्ध के आधार पर
  • अनुप्रस्थ तरंग (transverse wave) - इसमें तरंग की गति की दिशा माध्यम के कणों के कम्पन करने की दिशा के लम्बवत होती है।
  • अनुदैर्घ्य तरंग (longitudenal wave) - इसमें तरंग की गति की दिशा माध्यम के कणों के कम्पन करने की दिशा के समान्तर होती है।

तरंगों का गणितीय निरूपण

आवर्ती तरंग (हार्मोनिक वेव)

ज्यावक्रीय (साइनस्वायडल) तरंग
y(t,z)=Asin(2πTt2πλz+φ)

इसको निम्न प्रकार से भी लिख सकते हैं:

y(t,z)=Asin(ωtkz+φ)

जहाँ:

  • A – तरंग का आयाम,
  • T – आवर्तकाल (Time period)
  • λ – तरंगदैर्घ्य (तरंग की लम्बाई / wave length)
  • ω – तरंग का कोणीय वेग ω=2πT,
  • kतरंग संख्या (wave number), k=2πλ
  • φ – आरम्भिक कला (epoch)

ज्या (साइन) के कोणांक अर्थात् 2πTt2πλz+φ=ωtkz+φ  को तरंग की 'कला' (फेज) कहते हैं।

कला वेग (या फेज वेलॉसिटी)-
vf=λT=ωk,
समूह वेग (ग्रुप वेलॉसिटी)-
v/g=dω(k)dk

अप्रगामी तरंग (स्थिर तरंग)

अप्रगामी तरंग में कुछ निश्चित स्थानों पर स्थित कणों का कम्पन सबसे कम (शून्य) होता है, कुछ निश्चित स्थानों के कणों का कम्पन सर्वाधिक होता है।

एक अप्रगामी तरंग
एक अप्रगामी तरंग

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

साँचा:Physics-footer