विद्युत-चुम्बकीय-दुर्बल अन्योन्य क्रिया

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साँचा:मानक प्रतिकृती कण भौतिकी में विद्युत-चुम्बकीय-दुर्बल अन्योन्य क्रिया प्रकृति की चार मूलभूत अन्योन्य क्रियाओं में से दो विद्युत-चुम्बकीय अन्योन्य क्रिया और दुर्बल अन्योन्य क्रिया का एकीकृत रूप है। यद्यपि ये दोनों बल निम्न ऊर्जा क्षेत्र में बहुत अलग दिखाई देते हैं, सैद्धान्तिक रूप से इन भिन्न छवि के दो बलों की एक बल के रूप में प्रतिकृती करते हैं। एकीकरण पैमाने से उपर, 100 GeV कोटि पर, वो एक बल में परिणीत हो जाते हैं। मूलभूत कणों में विद्युत-चुम्बकीय व दुर्बल अन्योन्य क्रियाओं के एकीकरण में सहयोग के लिए सन् १९७९ में अब्दुस सलाम, शेल्डन ग्लास्हौ और स्टीवन वाईनबर्ग को भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[][] विद्युत-चुम्बकीय-दुर्बल अन्योन्य क्रिया के अस्तित्व को प्रायोगिक रूप से दो स्तरों में प्रमाणित किया गया, प्रथम ई.सन् १९७३ में Gargamelle सहयोग द्वारा न्यूट्रिनो प्रकिर्णन द्वारा उदासीन धारा की खोज और द्वितीय १९८३ में यूए१यूए२ प्रयोगो ने सुपर प्रोटॉन सिंक्रोट्रॉन से प्राप्त प्रोटॉन प्रति-प्रोटॉन कीरण पूँज की टक्कर में W और Z आमान बोसोनों की का आविष्कार।

सूत्रिकरण

ज्ञात मूलभूत कणों का दुर्बल समभारिक प्रचक्रण, T3 और दुर्बल हायपर आवेश, YW के लिए एक नमुना आरेख, जिसमें विद्युत आवेश Q को दुर्बल मिश्र कोण के साथ प्रदर्शित किया गया है। उदासीन हिग्स क्षेत्र (चाप) विद्युत-चुम्बकीय-दुर्बल सममिति विघटित करते है और अन्य कणों को द्रव्यमान युक्त करने के लिए अन्योन्य क्रिया करता है। हिग्स क्षेत्र का तृतिय घटक भारी बोसॉनों W व Z को निरुपित करता है।

गणित में, एकीकरण, आमान समूह SU(2) × U(1) में पूरा किया जता है। इसके अनुरूप आमान बोसॉन SU(2) से दुर्बल समभारिक प्रचक्रण के तीन W बोसॉन (साँचा:SubatomicParticle, साँचा:SubatomicParticle और साँचा:SubatomicParticle) और U(1) से दुर्बल हायपर आवेश से B0, ये सभी द्रव्यमान रहित हैं। मानक प्रतिमान में [[W और Z बोसॉन|साँचा:SubatomicParticle और साँचा:SubatomicParticle बोसॉन]] और फोटोन, हिग्स प्रक्रिया के कारण SU(2) × U(1)Y से U(1)em में विद्युत-चुम्बकीय-दुर्बल' सममिति के स्वतः सममिति विघटन से उत्पन्न हुए। (हिग्स बोसॉन भी देखें)[][][][] U(1)Y और U(1)em, U(1) की विभिन्न प्रतियाँ हैं।; U(1)em का जनक Q = Y/2 + I3 से दिया जाता है, जहां Y, U(1)Y का जनक है (जिसे हायपर आवेश कहा जाता है।) और I3, SU(2) के जनकों में से एक है (दुर्बल समभारिक प्रचक्रण का एक घटक)।

लाग्रांजियन

विद्युत-चुम्बकीय-दुर्बल सममिति विघटन से पहले

विद्युत-चुम्बकीय-दुर्बल अन्योन्य क्रियाओं के लिए लाग्रांजियन को विद्युत-चुम्बकीय-दुर्बल सममिति विघटन से पहले चार भागों में विभक्त किया जाता है :

EW=g+f+h+y.


विद्युत-चुम्बकीय-दुर्बल सममिति विघटन के पश्चात

ये भी देखें

सन्दर्भ

सामान्य पाठक

विषय

लेख