बेसल समस्या
साँचा:पाई बेसल समस्या संख्या सिद्धान्त से सम्बद्ध गणितीय विश्लेषण की समस्या है जो सर्वप्रथम पिएत्रो मंगोली ने १६४४ में दी और १७३४ में लियोनार्ड आयलर ने हल की।[१] यह सर्वप्रथम द सेंट पीटर्सबर्ग एकेडेमी ऑफ़ साइंसेज (साँचा:Lang-ru) में ५ दिसम्बर १७३५ को प्रकाशित हुई।[२]
बेसल समस्या प्राकृत संख्याओं के वर्ग के व्युत्क्रम के संकलन के बारे में है अर्थात अनन्त श्रेणी के योग का यथार्थ मान:
श्रेणी का लगभग मान 1.644934 साँचा:OEIS2C के बराबर है। १७३४ में आयलर ने सिद्ध किया कि इसका मान साँचा:Sfrac के बराबर है