किसी स्थायी श्वेत बौने नक्षत्र का अधिकतम सम्भावित द्रव्यमान चन्द्रशेखर सीमा (Chandrasekhar limit) कहलाती है। इस सीमा का उल्लेख सबसे पहले विल्हेम एण्डर्सन और ई सी स्टोनर ने १९३० में प्रकाशित अपने शोधपत्रों में किया था। किन्तु भारत के खगोलभौतिकशास्त्री सुब्रमण्यन चन्द्रशेखर ने १९३० में, १९ वर्ष की आयु में, स्वतन्त्र रूप से इस सीमा की खोज की और इस सीमा की गणना को और अधिक शुद्ध बनाया। वर्तमान समय में चन्द्रशेखर सीमा का स्वीकृत लगभग 1.39 (2.765 × 1030 kg) है।[१][२][३]
सन्दर्भ
साँचा:टिप्पणीसूची
- ↑ साँचा:Cite book
- ↑ p. 55, How A Supernova Explodes, Hans A. Bethe and Gerald Brown, pp. 51–62 in Formation And Evolution of Black Holes in the Galaxy: Selected Papers with Commentary, Hans Albrecht Bethe, Gerald Edward Brown, and Chang-Hwan Lee, River Edge, New Jersey: World Scientific: 2003. ISBN 981-238-250-X.
- ↑ साँचा:Cite journal