वैद्युत प्रतिघात

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विद्युत प्रणालियों तथा इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों में, किसी अवयव द्वारा धारा अथवा वोल्टता के परिवर्तन के विरोध को उस अवयव का प्रतिघात (रिएक्टैंस) कहते हैं। चुम्बकीय क्षेत्र, धारा के परिवर्तन का विरोध करता है जबकि विद्युत क्षेत्र, वोल्टता के परिवर्तन का। वैद्युत प्रतिघात की संकल्पना कई अर्थों में वैद्युत प्रतिरोध के समान है, किन्तु कुछ अर्थों में भिन्न भी है।

प्रतिबाधा, प्रतिरोध और प्रतिघात

प्रतिबाधा, प्रतिरोध और प्रतिघात में निम्नलिखित सम्बन्ध होता है-

Z=R+jX,

जहाँ :

  • Z : प्रतिबाधा, Ω में;
  • R : प्रतिरोध, Ω में;
  • j : -१ का वर्गमूल है;
  • X : प्रतिघात, Ω में।

प्रतिबाधा, प्रतिरोध और प्रतिघात के आंकिक मानों में निम्नलिखित संबन्ध है-

|Z|=R2+X2.

यदि किसी अवयव का विद्युत प्रतिरोध शून्य हो तो उसकी प्रतिबाधा, उसके प्रतिघात के बराबर होती है : |Z| = |X|.

प्रेरकीय प्रतिघात

XL=2πfL

जहाँ :

संधारित्रीय प्रतिघात

XC=12πfC

जहाँ :

इन्हें भी देखें