कॉम्पटन तरंगदैर्घ्य

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कॉम्पटन तरंगदैर्घ्य (Compton wavelength) किसी कण की क्वाण्टम यांत्रिक गुण है। इसका विवेचन आर्थर कॉम्पटन ने किया था। किसी कण का कॉम्पटन तरंगदैर्घ्य उस फोटॉन के तरंगदैर्घ्य के बराबर होता है जिसकी ऊर्जा उस कण के द्रव्यमान के तुल्य है।

किसी कण की मानक कॉम्प्टन तरंगदैर्घ्य साँचा:Math, निम्नलिखित समीकरण द्वारा निकाली जाती है-

λ=hmc, 

जहाँ साँचा:Math प्लांक नियतांक है, साँचा:Math उस कण का द्रव्यमान है, और साँचा:Math प्रकाश का वेग है।

इन्हें भी देखें