जाइरेटर

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जाइरेटर का प्रतीक (टेलिगन द्वारा प्रस्तावित)

परिभ्रमित्र या जाइरेटर एक पैसिव, रैखिक, ह्रासरहित, द्वि-पोर्ट विद्युत नेटवर्क अवयव है जिसे १९४८ में बर्नार्ड डी एच टेलिगन ने प्रस्तावित किया था। चार परम्परागत अवयवों (प्रतिरोध, संधारित्र, प्रेरकत्व, तथा ट्रान्सफॉर्मर) से यह इस मामले में भिन्न है कि जाइरेटर एक व्युत्क्रम अवयव है। जाइरेटर की सहायता से उन दो या अधिक पोर्ट वाली युक्तियों का भी प्रत्यक्षीकरण (रियलाइजेशन) किया जा सकता है जिनको केवल चार परम्परागत अवयवों द्वारा नहीं बनाया जा सकता। उदाहरण के लिये, जाइरेटर की सहायता से सर्कुलेटर और आइसोलेटर का प्रत्यक्षीकरण सम्भव है। ट्रान्जिस्टर और ऑप-ऐम्प का उपयोग करते हुए फीडबैक लगाकर जाइरेटर परिपथ बनाया जा सकता है।

गुणधर्म

जाइरेटर में प्रयुक्त संकेतों का अर्थ

आदर्श जाइरेटर रैखिक द्वि-पोर्ट युक्ति है जो प्रथम पोर्ट की विद्युत धारा को द्वितीय पोर्ट के वोल्टता से तथा द्वितीय पोर्ट की धारा को प्रथम पोर्ट की वोल्टता से युग्मित करता है। अतः तात्क्षणिक धारा और वोल्टता निम्नलिखित समीकरणों द्वारा निर्धारित होते हैं-

v2=Ri1
v1=Ri2

जहाँ R , जाइरेटर का जाइरेशन प्रतिरोध (gyration resistance) है।

सन्दर्भ

साँचा:टिप्पणीसूची

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