भास्कर प्रमेयिका

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निम्नलिख सर्वसमिका को भास्कर प्रमेयिका (Bhaskara's Lemma) कहते हैं। यह सर्वसमिका चक्रवाल विधि में प्रयुक्त होती है।

Nx2+k=y2N(mx+yk)2+m2Nk=(my+Nxk)2

जहाँ m,x,y,N, पूर्णांक हैं और k शून्येतर पूर्णांक (non-zero integer) है।

उपपत्ति

समीकरण के दोनों पक्षों को m2N से गुणा करके, N2x2+2Nmxy+Ny2 जोड़कर, इसका गुणनखण्ड करें तथा k2 से भाग दें।

Nx2+k=y2Nm2x2N2x2+k(m2N)=m2y2Ny2
Nm2x2+2Nmxy+Ny2+k(m2N)=m2y2+2Nmxy+N2x2
N(mx+y)2+k(m2N)=(my+Nx)2
N(mx+yk)2+m2Nk=(my+Nxk)2.

जब तक न तो k और न ही m2N शून्य है, उपरोक्त निष्कर्ष दोनों दिशाओं में सत्य है। (implication goes in both directions). (यह भी नोट करें कि यह प्रमेयिका वास्तविक संख्याओं, पूर्णाकों और समिश्र संख्याओं -- सभी के लिए सत्य है।)

सन्दर्भ

साँचा:टिप्पणीसूची

  • C. O. Selenius, "Rationale of the chakravala process of Jayadeva and Bhaskara II", Historia Mathematica, 2 (1975), 167-184.
  • C. O. Selenius, Kettenbruch theoretische Erklarung der zyklischen Methode zur Losung der Bhaskara-Pell-Gleichung, Acta Acad. Abo. Math. Phys. 23 (10) (1963).
  • George Gheverghese Joseph, The Crest of the Peacock: Non-European Roots of Mathematics (1975).

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बाहरी कड़ियाँ

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