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देखें (पिछले २० | ) (२० | ५० | १०० | २५० | ५००)
  • ...ं को गुणा करने से एक और एकक भग्नांक उत्पन्न होता है, किन्तु अन्य [[अंकगणित|अंकगणितीय]] संक्रियाएँ एकक भग्नांकों को संरक्षित नहीं करती हैं। प्रत्येक [[परिमेय स == अंकगणित == ...
    ४ KB (१४९ शब्द) - ०६:२८, १४ जून २०२३
  • {{अंकगणित}} ...
    २ KB (२९ शब्द) - १६:३६, ३ फ़रवरी २०१८
  • प्रारम्भिक अंकगणित में, '''वज्र गुणन विधि''' (The Rule of Three) या '''आनुपातिकता का नियम''' य [[श्रेणी:आरम्भिक अंकगणित]] ...
    ६ KB (३१३ शब्द) - १९:२८, २९ अक्टूबर २०२४
  • * [[अंकगणित]] में : "से बड़ा है" (is greater than), "के बराबर है" (is equal to) और "विभ ...
    ३ KB (१०८ शब्द) - १५:४६, २२ अक्टूबर २०२१
  • ...जाता है जिनको [[गणित]] में केवल [[अंकगणित]] की कुछ जानकारी हो। बीजगणित एवं अंकगणित में सबसे बड़ा अन्तर यह है कि बीजगणित में [[अंक|अंकों]] के साथ-साथ [[चर|चरों ...
    ७ KB (४२९ शब्द) - ०७:३२, २४ अक्टूबर २०१७
  • ...पुनर्प्राप्ति (periodic return) की अस्थिरता (volatility) के प्रभाव (जो कि अंकगणित को अप्रासंगिक बना सकता है) को कम करता है। यह विशेषत: किसी उभय-निष्ठ डोमेन ( ...
    ३ KB (१७१ शब्द) - १९:१७, ३० मई २०२२
  • ...e.org/web/20160305121327/http://aevynn.blogspot.com/2008/11/blog-post.html अंकगणित का मूलभूत प्रमेय] ...
    ४ KB (१०५ शब्द) - १२:५४, २१ जुलाई २०२४
  • ...सूत्र दिये गये हैं। वैदिक गणित गणना की ऐसी पद्धति है, जिससे जटिल [[अंकगणित|अंकगणितीय]] गणनाएं अत्यंत ही सरल, सहज व त्वरित संभव हैं। ...ैं। शुद्ध अथवा प्रयुक्त गणित में ऐसा कोई भाग नहीं जिसमें उनका प्रयोग न हो। अंकगणित, बीजगणित, रेखागणित समतल तथा गोलीय त्रिकोणमितीय, समतल तथा घन ज्यामिति (वैश्ल ...
    १४ KB (२९१ शब्द) - १६:३३, ३० अक्टूबर २०२४
  • ...कों के एक कम्यूटेटिव रिंग का एक विशेष मामला है। इसमें कुल क्रम नहीं है जो अंकगणित का सम्मान करता है। ...
    ४ KB (७४ शब्द) - ०८:३४, २४ सितम्बर २०२२
  • ...रूपण पद्धतियों से भिन्न है। स्थानीय मान पर आधारित संख्या निरूपण से बहुत सी अंकगणितीय संक्रियाएँ बहुत सरलता से की जाने लगीं और इस कारण यह पद्धति शीघ्र ही पूरे [[श्रेणी:आधारभूत अंकगणित]] ...
    ५ KB (१४४ शब्द) - २३:१५, २१ जुलाई २०२४
  • शायद यह संस्कृत में [[अंकगणित]] पर लिखी गई सबसे पुरानी रचना है जिसे सम्भवतः सातवीं शताब्दी में संकलित किय ...कि उनका देहान्त हो गया। अन्ततः मानबेंदु बनर्जी और प्रदीप कुमार मजूमदार ने अंकगणित, प्रारम्भिक रेखागणित और क्षेत्रमिति (मापन) की सामग्री वाले इस ग्रन्थ का सम् ...
    २१ KB (५६५ शब्द) - ०२:३५, २६ अक्टूबर २०२४
  • ...रथा का प्रादुर्भाव सर्वप्रथम भारत में ही हुआ था। [[संस्कृत साहित्य]] में [[अंकगणित]] को श्रेष्ठतम विज्ञान माना गया है। लगभग पाँचवीं शताब्दी में [[भारत]] में [ [[श्रेणी:अंकगणित]] ...
    १३ KB (२०४ शब्द) - १०:१६, २७ दिसम्बर २०२२
  • ===अंकगणित=== ...ो पाया है। प्राप्त ग्रन्थ के बारे में पुराविदों का कथन है कि इसमें उन्नत [[अंकगणित]], [[त्रिकोणमिति]] के साथ-साथ कुछ अपेक्षाकृत सरल संकल्पनाओं का भी समावेश है ...
    २१ KB (५०५ शब्द) - २०:२६, १८ जनवरी २०२५
  • {{अंकगणित}} ...
    ५ KB (९२ शब्द) - १६:५७, ३० जुलाई २०२४
  • [[श्रेणी:अंकगणित]] ...
    ६ KB (२२० शब्द) - ०८:०२, १७ अप्रैल २०२४
  • ...', '''पाटीगणित सार''' और '''त्रिशतिका''' उनकी उपलब्ध रचनाएँ हैं जो मूलतः [[अंकगणित]] और क्षेत्र-व्यवहार से संबंधित हैं। [[भास्कराचार्य]] ने [[बीजगणित (संस्कृत ...होने [[बीजगणित]] के व्यावहारिक उपयोगों के बारे में लिखा है और बीजगणित को [[अंकगणित]] से अलग किया। ...
    १७ KB (२२८ शब्द) - ११:१४, ४ मार्च २०२५
  • [[श्रेणी:अंकगणित]] ...
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  • [[श्रेणी:अंकगणित]] ...
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  • [[श्रेणी:अंकगणित]] ...
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  • [[श्रेणी:अंकगणित]] ...
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