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पृष्ठ शीर्षक मिलान
- ...[गणित]] का भी इतिहास अत्यन्त प्राचीन है। मानव सभ्यता के आरम्भिक काल में ही गणित अथवा गणन विषयक अवधारणा का आरम्भ हो गया होगा, ऐसा दिखायी पड़ता है। ...याओं को नाम देना (10<sup>53</sup> तक ), खगोलीय अध्ययन से प्रेरित मध्यकालीन भारतीय गणितज्ञों के ग्रन्थ, और अन्ततः ...१२९ KB (९५१ शब्द) - ०६:१२, २१ फ़रवरी २०२५
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- '''जयदेव''' '''९'''वीं शताब्दी के भारतीय गणितज्ञ थे। उन्होने [[चक्रवाल विधि]] को और अधिक उन्नत बनाया।<ref>Goonatilak * [[भारतीय गणितज्ञों की सूची|भारतीय गणितज्ञ सूची]] ...२ KB (६८ शब्द) - २१:३५, २१ जुलाई २०२४
- {{भारतीय गणित}} [[श्रेणी:भारतीय गणित]] ...२ KB (२८ शब्द) - १८:२९, १९ अप्रैल २०२३
- [[गणित]] में '''ज्या''' (Sine), एक [[त्रिकोणमितीय फलन|त्रिकोणमितीय]] [[फलन]] का ना {{भारतीय गणित}} ...३ KB (७४ शब्द) - २१:२४, २१ जुलाई २०२४
- : -- [[ब्राह्मस्फुटसिद्धान्त]], गणिताध्याय, क्षेत्रव्यवहार १२.३१ {{भारतीय गणित}} ...३ KB (५४ शब्द) - ०८:४२, १३ फ़रवरी २०२०
- {{भारतीय गणित}} [[श्रेणी:भारतीय गणित]] ...३ KB (१०५ शब्द) - ०६:१०, ३ दिसम्बर २०२४
- ...ree) या '''आनुपातिकता का नियम''' या '''तिर्यक गुणनफल''' एक गणितीय विधि है। गणित की भाषा में कहें तो, तीन संख्याएं '''a''', '''b''' और '''c''' दी गयीं हैं। == भारतीय गणित में त्रैराशिक नियम == ...६ KB (३१३ शब्द) - १९:२८, २९ अक्टूबर २०२४
- '''महाभास्करीय''', [[भास्कर प्रथम]] द्वारा रचित [[गणित]] एवं [[खगोल शास्त्र|खगोल]] से सम्बन्धित ग्रन्थ है। [[गोविन्दस्वामी (गणितज् {{भारतीय गणित}} ...५ KB (१७५ शब्द) - ०८:४०, २४ जुलाई २०२४
- [[गणित]] में, माधव-लैबनीज सूत्र निम्नलिखित है-<math display="block">1-\frac{1}{3}+ ...िस्तार का एक विशेष अवस्था है, जिसे पहली बार १४वीं शताब्दी में संगमग्राम के भारतीय गणितज्ञ [[संगमग्राम के माधव|माधव]] ने प्रस्तुत किया था। <ref>{{Citation|las ...३ KB (१३६ शब्द) - ०४:०६, १६ अगस्त २०२२
- [[गणित]] मे '''द्विघात समीकरण''' द्वितीय घात का एक [[बहुपद]] समीकरण होता है जिसका ==भारतीय गणित के इतिहास में द्विघात समीकरण== ...६ KB (१११ शब्द) - ०५:४६, ६ अक्टूबर २०२४
- ...मगुप्त का अन्तर्वेशन सूत्र''' (Brahmagupta's interpolation formula) [[भारत|भारतीय]] गणितज्ञ [[ब्रह्मगुप्त]] द्वारा प्रस्तुत एक [[अंतर्वेशन|अन्तर्वेशन]] सूत्र ब्रह्मगुप्त के पहले के भारतीय गणितज्ञ जो अन्तर्वेशन सूत्र प्रयोग करते थे वह एक सरल रैखिक अन्तर्वेशन (simp ...४ KB (२४७ शब्द) - १२:५५, २६ जनवरी २०२५
- ...(indeterminate quadratic equations) को हल करने की एक प्राचीन [[भारतीय गणित|भारतीय]] विधि है। इसके आविष्कार का श्रेय प्राय [[भास्कराचार्य|भास्कर द्वितीय]] को यह एक चक्रीय विधि है जिसमें [[गणितीय आगमन]] (mathematical induction) के बीज छिपे हुए थे। इस विधि का नाम 'चक्रव ...७ KB (३६२ शब्द) - ०२:३९, २७ मई २०२२
- ...गयी है और न ही पूर्ण अल्गोरिद्म। इसका सम्पूर्ण अल्गोरिद्म ५वीं शताब्दी के भारतीय गणितज्य [[आर्यभट]] ने दिया है। <ref>{{Cite web |url=https://en.wikipedia.or {{भारतीय गणित}} ...३ KB (२०४ शब्द) - २१:३५, १४ जून २०२०
- ...स्थान का चुनना तथा उनके निर्माण आदि विषयों का विस्तृत वर्णन है। ये [[भारत|भारतीय]] [[ज्यामिति]] के प्राचीनतम ग्रन्थ हैं। ...्रौतसूत्र, [[वेद|वेदों]] के उपांग (appendices) हैं। शुल्बसूत्र ही [[भारतीय गणित]] के सम्बन्ध में जानकारी देने वाले प्राचीनतम स्रोत हैं। ...१२ KB (४५६ शब्द) - ०९:१७, २३ मई २०२२
- [[मनोरंजक गणित]] में '''n''' कोटि (आर्डर) का '''माया वर्ग''' या 'मैजिक वर्ग' (magic square ==भारतीय गणित में माया वर्ग== ...८ KB (१७० शब्द) - १२:०३, १५ जून २०२०
- गणित में [[संगमग्राम के माधव]] ने कई श्रेणीयाँ दीं जिन्हें लैब्नीज श्रेणी भी कहत *[[श्रेणी (गणित)]] ...२ KB (१७९ शब्द) - ०७:५८, २० जनवरी २०२२
- {{भारतीय गणित}} ...२ KB (३० शब्द) - १५:०४, २९ अप्रैल २०२३
- ...380 – 1460 ई) [[भारत]] के [[केरलीय गणित सम्प्रदाय]] से सम्बन्धित एक महान [[गणित]]ज्ञ एवं [[खगोल शास्त्र|खगोलशास्त्री]] थे। # '''दिग्गणित''' -- दृक-पद्धति का वर्णन (१४३१ में रचित) ...६ KB (४८१ शब्द) - ११:१६, २३ जुलाई २०२४
- ...्लेखनीय कार्य किये तथा विश्व में सबसे पहले [[क्रमचय|क्रमचयों]] एवं [[संचय (गणित)|संचयों]] (कंबिनेशन्स) की संख्या निकालने का सामान्यीकृत [[सूत्र]] प्रस्तुत उन्होने [[गणितसारसंग्रह]] नामक गणित ग्रन्थ की रचना की जिसमें [[बीजगणित]] एवं [[ज्यामिति]] के बहुत से विषयों (टॉ ...९ KB (१९७ शब्द) - १५:२३, १३ नवम्बर २०२४
- बौधायन के शुल्बसूत्रों में गणित की अनेक प्रमेय और विधियाँ विद्यमान हैं जिनमें पाइथागोरस प्रमेय, २ के [[वर्ग ...इथागोरस प्रमेय|पाइथागोरस का प्रमेय]] है। स्पष्ट है कि इस प्रमेय की जानकारी भारतीय गणितज्ञों को पाइथागोरस के पहले से थी। वस्तुतः इस प्रमेय को '''बौधायन-पाइथाग ...१० KB (२१७ शब्द) - ०५:४०, २९ जनवरी २०२५
- | fields = [[गणित]],[[खगोल शास्त्र]] '''ब्रह्मगुप्त''' (५९८-६६८) प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ थे। वे तत्कालीन गुर्जर प्रदेश ([[भीनमाल]]) के अन्तर्गत आने वाले प्र ...१७ KB (३६३ शब्द) - १७:२५, १२ फ़रवरी २०२५