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- [[बीजगणित]] तथा [[बीजीय ज्यामिति]] में उन [[अल्गोरिद्म|कलनविधियों]] को '''विलोपन सिद् आजकल [[रैखिक युगपत समीकरण|रैखिक युगपत समीकरणों]] से चरों के विलोपन के लिए प्रायः [[गाउस विलोपन|गाउस का विलो ...२ KB (४० शब्द) - १४:३४, २२ जुलाई २०२४
- ...egend|green|चरघातांकी वृद्धि}} {{legend|blue|घनात्मक वृद्धि}} {{legend|red|रैखिक वृद्धि}}]] बीजगणित का सहारा लेते हुए कहें तो '''<math>P.(1+r)^t</math>''', समय '''t''' का एक च ...२ KB (९२ शब्द) - २१:१४, १४ जून २०२०
- ...य वस्तुतः तीन समतलों (plane) का समुच्चय है। इन समतलों का कटान बिन्दु ही इस रैखिक निकाय का 'हल' कहलाता है।]] ...रैखिक बीजगणित]] में) समान अज्ञात राशि वाले रैखिक समीकरणों के समुच्चय को '''रैखिक समीकरणों का निकाय''' (systems of linear equations) कहा जाता है। ...११ KB (५४५ शब्द) - १६:५९, ६ मार्च २०२५
- [[रैखिक बीजगणित]] में '''क्रैमर-नियम''' (Cramer's rule) [[रैखिक समीकरण निकाय]] का हल निकालने की एक प्रत्यक्ष विधि (direct method) है। यह वि === २ अज्ञात राशि वाले २ रैखिक समीकरणों का निकाय === ...९ KB (७५३ शब्द) - ०३:२८, २५ मार्च २०२२
- [[रैखिक बीजगणित]] में प्रत्येक [[वर्ग मैट्रिक्स]] के सहवर्ती एक '''लाक्षणिक बहुपद''' (chara * [[रैखिक अवकल समीकरण]] (Linear differential equation) ...४ KB (९५ शब्द) - १९:०३, १७ नवम्बर २०२१
- [[रैखिक बीजगणित]] में '''गाउस की विलोपन विधि''' [[रैखिक समीकरण निकाय|रैखिक समीकरणों के निकाय]] को हल करने की एक विधि है जिसके अन्तर्गत क्रम से कुछ संक रैखिक समीकरणों के निकाय को हल करने के अलावा गाउस की विलोपन विधि का उपयोग किसी मैट ...१४ KB (५०२ शब्द) - ११:५८, ३ मार्च २०२०
- [[चित्र:Linear Programming Feasible Region.svg|frame|[[रैखिक प्रोग्रामन]] (linear programming) में सम्भावित क्षेत्र (feasible region) अस * [[रैखिक प्रोग्रामन]] ...४ KB (३५१ शब्द) - ०२:१५, १६ जून २०२०
- * [[रैखिक बीजगणित]] : "के लम्बकोणी है" (is orthogonal to) ...३ KB (१०८ शब्द) - १५:४६, २२ अक्टूबर २०२१
- [[बीजगणित]] में, '''आंशिक भिन्न प्रसार''' (partial fraction expansion) एक विधि है जो जब दिये हुए भिन्न के [[भिन्न|हर]] को <math>x-a</math> जैसे रैखिक गुणनखण्ड हो सकें ; जहाँ n >=1 ...९ KB (१,१९१ शब्द) - १०:५०, ८ मई २०२३
- [[बीजगणित|रैखिक बीजावली]] में '''टोएपलित्ज़ आव्यूह''' ({{lang-en|Toeplitz matrix}}) अथवा '' [[श्रेणी:रैखिक बीजगणित]] ...७ KB (६२० शब्द) - २१:५५, २३ जुलाई २०२४
- ==रैखिक परिवर्तन== {{बीजगणित}} ...९ KB (३९१ शब्द) - १६:०१, २७ फ़रवरी २०२४
- ...ख्यात्मक रैखिक बीजगणित]] में '''गाउस-साइडल विधि''' (Gauss–Seidel method) [[रैखिक समीकरण निकाय]] को हल करने की एक [[पुनरावृत्तिमूलक विधि]] है। इसे लिबमान विध माना ''n'' अज्ञात ''x'' चरों से युक्त रैखिक समीकरण निकाय यह है: ...९ KB (४४२ शब्द) - १९:५२, १४ जून २०२०
- ...ूह का हल संभव होगा या नहीं और हल यदि संभव है तो कितने हल हो सकते हैं। उच्च बीजगणित का एक प्रमुख और मौलिक महत्ता का अंग सारणिक है; और प्राय: गणित की प्रत्येक श [[श्रेणी:रैखिक बीजगणित]] ...८ KB (२१६ शब्द) - १९:५९, १५ जून २०२०
- ...ref>{{cite web|url= http://pustak.org/bs/home.php?bookid=2558|title= वैदिक बीजगणित|access-date= [[१२ फरवरी]] [[२००८]]|format= पीएचपी|publisher= भारतीय साहित्य ...१७ KB (३६३ शब्द) - १७:२५, १२ फ़रवरी २०२५
- *[[:en:Gauss–Jordan elimination]], [[बीजगणित|रैखिक बीजावली]] की एक विधि। ...८ KB (४०४ शब्द) - ०६:२५, १४ फ़रवरी २०२४
- [[भौतिकी]] में, प्रत्यवकलज [[रैखिक गति]] के सन्दर्भ में उत्पन्न होते हैं (उदाहरणार्थ, [[स्थिति सदिश|स्थिति]], * समाकल्यों का बीजगणितीय हेरफेर (ताकि अन्य समाकलन तकनीकों, जैसे प्रतिस्थापन द्वारा समाकलन, का प्रय ...९ KB (१५५ शब्द) - ०७:५७, ९ मार्च २०२४
- ...कोई भी बहुपद उनका एक रैखिक संयोजन होता है, इसलिए वे सभी बहुपदों के [[सदिश बीजगणित|सदिश समष्टि]] का आधार बनाते हैं, जिसे ''एकपदी आधार'' कहा जाता है - गणित में ...छ सेट में समरूपता के विशेष गुण होते हैं। इसे बीजगणितीय समूहों की भाषा में, बीजगणितीय टोरस की समूह क्रिया के अस्तित्व के संदर्भ में (समान रूप से विकर्ण मैट्रिक ...१६ KB (३५७ शब्द) - १०:०७, ८ मार्च २०२४
- | यह eigenvectors है एक eigenbasis, वह यह है की रैखिक स्वतंत्र सेट, एक पूरा करें. | उलटी matrices समूह के रूप में सामान्य रैखिक. ...५६ KB (८८२ शब्द) - २०:००, ११ मार्च २०२०
- ...उनका उपयोग [[गणितीय विश्लेषण]] और उष्मागतिकी में किया जाता है। ग्रासमैन के बीजगणित के लिए सामान्यीकृत, थीटा फलन [[प्रमात्रा क्षेत्र सिद्धान्त]] में भी दिखाई ह ...ीन फलन गणित में नियमित रूप से उपयोग किए जाते हैं और उपरोक्त चार कार्यों से बीजगणितीय रूप से संबंधित हैं। ...३४ KB (२,८१२ शब्द) - १९:३४, ६ सितम्बर २०२४
- ...बाहुल्य है और यही वह समय है जब दाशमिक अंकलेखन प्रणाली, शून्य का आविष्कार, बीजगणित का आविष्कार, अंकगणित का विकास, ज्योतिषशास्त्र का विकास आदि महत्त्वपूर्ण घटन ...रचना [[ब्राह्मस्फुटसिद्धान्त]] में शून्यपरिकर्म, क्षेत्रमिति के उच्च नियम, बीजगणित तथा अनन्तराशि के नियम बताए हैं। ब्रह्मगुप्त ने ही [[अनन्त]] को परिकल्पना की ...१२९ KB (९५१ शब्द) - ०६:१२, २१ फ़रवरी २०२५