खोज परिणाम
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
- ३ KB (८१ शब्द) - ०९:०२, ४ अक्टूबर २०२२
- ५ KB (१४४ शब्द) - २३:१५, २१ जुलाई २०२४
- '''सूर्यसिद्धान्त ''' [[भारतीय खगोलिकी|भारतीय खगोलशास्त्र]] का प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इसका अनुमानित रचनाकाल चतुर्थ या पंचम शताब्दी ई० है === खगोलशास्त्र === ...३७ KB (१,२१३ शब्द) - ०८:०२, ७ फ़रवरी २०२५
- २० KB (६९८ शब्द) - ०८:२७, १७ मई २०२२
- ४१ KB (६०५ शब्द) - ०१:२४, १९ दिसम्बर २०२३
- ४८ KB (१,६०५ शब्द) - ०६:३३, १५ अक्टूबर २०२३
- ६२ KB (३८३ शब्द) - १९:०५, २५ अप्रैल २०२३
- | 1|| [[चंद्रप्रकाश]] || मुनीश्वर || 1600 ईस्वी || खगोलशास्त्र ; गणित ; चंद्र की गति का विस्तृत वर्णन। ...यभटीय]] || [[आर्यभट|आर्यभट प्रथम]] || 499 ईस्वी || त्रिकोणमिति ; बीजगणित ; खगोलशास्त्र दशमलव प्रणाली ; [[ज्या]] ; वृत्त की परिधि और व्यास का अनुपात लगभग 3.1416 है ...१२९ KB (९५१ शब्द) - ०६:१२, २१ फ़रवरी २०२५
- १६८ KB (४,३१८ शब्द) - ०६:५३, १२ अगस्त २०२४
- ...ध केंद्र था। देश विदेश से विद्यार्थी ज्ञानार्जन के लिए यहाँ आते थे। वहाँ [[खगोलशास्त्र]] के अध्ययन के लिए एक विशेष विभाग था। एक प्राचीन श्लोक के अनुसार आर्यभट नाल ...े का श्रेय दिया जाता है, प्राचीन भारत में ज्ञात [[ग्रीक खगोल विज्ञान|ग्रीक खगोलशास्त्र]](''[[पालिसा सिद्धांत|पौलिसा सिद्धांत]]'' - संभवतः [[अलेक्जेंड्रिया|अलेक्ज़ ...७६ KB (१,५२८ शब्द) - १९:०६, १२ फ़रवरी २०२५