खोज परिणाम
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
पृष्ठ शीर्षक मिलान
- [[File:महावीर आचार्य (गणितज्ञ).jpg|thumb|महावीराचार्य, (जैन मुनि) गुलबर्ग कर्नाटक]] ...' (या महावीराचार्य) नौवीं शती के [[भारत]] के प्रसिद्ध [[ज्योतिष]]विद् और [[गणितज्ञ]] थे। वे [[गुलबर्ग]] के निवासी थे। वे [[जैन धर्म]] के अनुयायी थे। उन्होने [ ...९ KB (१९७ शब्द) - १५:२३, १३ नवम्बर २०२४
- परमेश्वर विश्व के प्रथम गणितज्ञ हैं जिन्होने सबसे पहले उस वृत्त की [[त्रिज्या]] बतायी जिसके अन्दर निर्मित [ [[श्रेणी:भारतीय गणितज्ञ]] ...६ KB (४८१ शब्द) - ११:१६, २३ जुलाई २०२४
- '''जयदेव''' '''९'''वीं शताब्दी के भारतीय गणितज्ञ थे। उन्होने [[चक्रवाल विधि]] को और अधिक उन्नत बनाया।<ref>Goonatilake, Susan * [[भारतीय गणितज्ञों की सूची|भारतीय गणितज्ञ सूची]] ...२ KB (६८ शब्द) - २१:३५, २१ जुलाई २०२४
पृष्ठ पाठ मिलान
- '''जयदेव''' '''९'''वीं शताब्दी के भारतीय गणितज्ञ थे। उन्होने [[चक्रवाल विधि]] को और अधिक उन्नत बनाया।<ref>Goonatilake, Susan * [[भारतीय गणितज्ञों की सूची|भारतीय गणितज्ञ सूची]] ...२ KB (६८ शब्द) - २१:३५, २१ जुलाई २०२४
- '''मरिया गीताना ऐन्येसी''' (Maria Gaetana Agnesi) (1718-1799), [[इटली]] की गणितज्ञ, भाषाविद् और दार्शनिक, गणित के प्रोफ़ेसर की लड़की थी। इसका जन्म 16 मई 1718, [[श्रेणी:गणितज्ञ]] ...४ KB (५७ शब्द) - ११:१८, १५ जून २०२०
- ...(power series) की [[सीमा]] से सम्बन्धित है। इसका नाम [[नॉर्वे|नार्वे]] के गणितज्ञ [[नील्स हेनरिक अबेल]] के नाम पर पड़ा है। ...१ KB (५३ शब्द) - १५:०७, ८ मई २०२३
- ...अन्तर्वेशन सूत्र''' (Brahmagupta's interpolation formula) [[भारत|भारतीय]] गणितज्ञ [[ब्रह्मगुप्त]] द्वारा प्रस्तुत एक [[अंतर्वेशन|अन्तर्वेशन]] सूत्र है जो दो ब्रह्मगुप्त के पहले के भारतीय गणितज्ञ जो अन्तर्वेशन सूत्र प्रयोग करते थे वह एक सरल रैखिक अन्तर्वेशन (simple linea ...४ KB (२४७ शब्द) - १२:५५, २६ जनवरी २०२५
- ...</ref> [[गुणन नियम]] (product rule) का सामान्यीकरण करता है। इसका नाम जर्मन गणितज्ञ लैब्नीज के नाम पर रखा गया है। ...१ KB (५२ शब्द) - ०५:४८, २ मार्च २०२०
- सबसे पहले [[केरलीय गणित सम्प्रदाय]] के गणितज्ञ [[परमेश्वर (गणितज्ञ)|परमेश्वर]] (1370–1460) ने [[गोविंदस्वामी|गोविन्दस्वामी]] और [[भास्कराचार्य ...५ KB (१२४ शब्द) - ०४:४९, २१ मई २०२२
- ...के मध्य सम्बन्ध उत्पन्न होता है। इसका नाम [[स्कॉट्लैण्ड राज्य|स्कॉटिश]] [[गणितज्ञ]] मैथ्यू स्टीवर्ट के सम्मान में है, जिन्होंने 1746 में प्रमेय प्रकाशित किया ...२ KB (६३ शब्द) - ०५:००, ८ जून २०२३
- प्रमेय का नाम प्राचीन [[यूनान|यूनानी]] [[गणितज्ञ]] [[एपोलोनियस|अपोलोनियस]] के नाम पर रखा गया है। ...२ KB (४२ शब्द) - १५:३८, ३० जून २०२३
- ...र्तनांक]] और [[तरंगदैर्घ्य]] के मध्य आनुभाविक सम्बन्ध है। इसका नामकरण महान गणितज्ञ [[ऑगस्टिन लुई कौशी|ऑगस्टिन लुइस कौशी]] के नाम से किया गया, जिन्होनें इसे १८ ...२ KB (४१ शब्द) - ००:३६, ४ मार्च २०२०
- ...कर्णों]] के मध्य का सम्बन्ध है। प्रमेय का नाम यूनानी [[खगोलशास्त्री]] और [[गणितज्ञ]] [[टॉलमी|प्तोलेमी]] (क्लाउदियोस प्तोलेमैओस) के नाम पर रखा गया है। <ref>C. ...२ KB (६८ शब्द) - १८:२१, ३० जून २०२३
- [[File:महावीर आचार्य (गणितज्ञ).jpg|thumb|महावीराचार्य, (जैन मुनि) गुलबर्ग कर्नाटक]] ...' (या महावीराचार्य) नौवीं शती के [[भारत]] के प्रसिद्ध [[ज्योतिष]]विद् और [[गणितज्ञ]] थे। वे [[गुलबर्ग]] के निवासी थे। वे [[जैन धर्म]] के अनुयायी थे। उन्होने [ ...९ KB (१९७ शब्द) - १५:२३, १३ नवम्बर २०२४
- परमेश्वर विश्व के प्रथम गणितज्ञ हैं जिन्होने सबसे पहले उस वृत्त की [[त्रिज्या]] बतायी जिसके अन्दर निर्मित [ [[श्रेणी:भारतीय गणितज्ञ]] ...६ KB (४८१ शब्द) - ११:१६, २३ जुलाई २०२४
- इस सर्वसमिका का नाम [[स्विट्ज़रलैण्ड|स्विटजरलैण्ड]] के प्रसिद्ध गणितज्ञ [[लियोनार्ड ओइलर|लियोनार्ड आयलर]] (Leonhard Euler)]] के नाम पर है। यह सर्वस ...३ KB (१२१ शब्द) - ०७:५२, १९ अक्टूबर २०२२
- जहाँ C_n, nवीं कैटालन संख्या है। इनका नामकरण [[बेल्जियम]] के गणितज्ञ चार्ल्स कैटालन (1814–1894) के नाम पर किया गया है। ''n'' = 0, 1, 2, 3, … आदि ...२ KB (१२२ शब्द) - ००:५१, २४ जुलाई २०२४
- ...ि के बारे में कोई उल्लेख नहीं मिलता। (स्मिथ 1953, पृष्ट 444)। भारत के महान गणितज्ञ [[आर्यभट]] (475 या 476-550) ने [[गुणोत्तर श्रेणी]] के योग का एक नियम बताया फारस के गणितज्ञ [[अल ख्वारिज्मी]] (825 ई) और [[उमर खैय्याम]] (1100 ई) ने भी धनात्मक मूल निक ...६ KB (१११ शब्द) - ०५:४६, ६ अक्टूबर २०२४
- ...भुजा के सामने वाली भुजा को समद्विभाजित करता है। यह प्रमेय [[भारत]] के महान गणितज्ञ [[ब्रह्मगुप्त]] ने दिया था। ...३ KB (५४ शब्द) - ०८:४२, १३ फ़रवरी २०२०
- ...ाचार्य|भास्कर द्वितीय]] को दिया जाता है किन्तु कुछ लोग इसका श्रेय [[जयदेव (गणितज्ञ)|जयदेव]] (950 ~ 1000 ई) को भी देते हैं। इसके द्वारा [[पेल का समीकरण|पेल के [[जयदेव (गणितज्ञ)]] और [[भास्कराचार्य|भास्कर]] (१२वीं शताब्दी) ने चक्रवाल विधि का उपयोग करते ...७ KB (३६२ शब्द) - ०२:३९, २७ मई २०२२
- ...ी]] तथा सैद्धांतिक भौतिकी में बहुत प्रयुक्त होता है। इसका यह नाम फ्रांसीसी गणितज्ञ तथा भौतिकशास्त्री साइमन डेनिस प्वासों (Siméon-Denis Poisson) के नाम पर रखा ...३ KB (१०७ शब्द) - ०९:३८, २४ जुलाई २०२४
- ...खित [[मैट्रिक्स]] को '''ब्रह्मगुप्त मैट्रिक्स''' कहते हैं। यह भारत के महान गणितज्ञ [[ब्रह्मगुप्त]] द्वारा प्रतिपादित की गयी थी।<ref>{{cite web |url=http://www ...२ KB (१९७ शब्द) - १४:३५, २३ जुलाई २०२४
- ...रने का काम सबसे पहले [[पॉस्कल]] ने किया था। किन्तु तीसरी शताब्दी के भारतीय गणितज्ञ [[पिङ्गल|पिंगल]] ने द्विपद गुणांको का उपयोग [[छन्दशास्त्र|छन्दःसूत्रम्]] मे इस बात के भी प्रमाण हैं कि ६ठी शताब्दी तक भारतीय गणितज्ञ द्विपद का घन (तीन घात) निकालने का सूत्र जानते थे। <ref>Weisstein, Eric W. [ ...९ KB (४०६ शब्द) - ०४:२६, ७ दिसम्बर २०२१