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देखें (पिछले २० | ) (२० | ५० | १०० | २५० | ५००)
  • जहाँ '''p''' उस तंत्र का प्रमुख चर है। उदाहरन के लिये, [[रासायनिक इंजीनियरी]] में यह चर [[तापमान| [[श्रेणी:तंत्र सिद्धान्त]] ...
    २ KB (१९ शब्द) - १९:४३, २१ जुलाई २०२४
  • [[चित्र:Damped spring.gif|right|thumb|300px|स्प्रिंग-द्रव्यमान तंत्र का अवमंदित दोलन]] ...प्रभाव को '''अवमन्दन''' (damping) कहते हैं जिसके कारण किसी कंपित होते हुए तंत्र के कंपनों का [[आयाम]] समय के साथ का कम होता जाता है। ...
    ५ KB (१३३ शब्द) - १४:५०, २१ जुलाई २०२४
  • ...रिकी|इंजीनियरी]], [[भौतिक शास्त्र|भौतिकी]], [[अर्थशास्त्र]] एवं [[नियंत्रण सिद्धान्त|नियंत्रण सिद्धांत]] में होता है। [[श्रेणी:गतीय तंत्र]] ...
    १ KB (४४ शब्द) - १५:२१, १५ जून २०२०
  • ...लेषण तथा संश्लेषण के लिये भी उपयोगी है। तंत्रों के निरूपण की इस पद्धति में तंत्र के [[अवस्था चर|अवस्था चरों]] (state variables), इनपुट तथा आउटपुट को प्रथम क *(१) यह तंत्र को एक लघु (compact) तथा सुविधाजनक रूप में प्रस्तुत करता है। ...
    १२ KB (६०१ शब्द) - १७:३२, २२ जुलाई २०२४
  • [[चित्र:Resonance.PNG|right|thumb|300px|किसी दोलनकारी तंत्र का आयाम उस पर लगाये गये चालक-बल की आवृत्ति पर तो निर्भर करता ही है, उस तन्त [[भौतिक शास्त्र|भौतिकी]] में बहुत से तंत्रों (सिस्टम्स्) की ऐसी प्रवृत्ति होती है कि वे कुछ [[आवृत्ति|आवृत्तियों]] पर ...
    १५ KB (२९१ शब्द) - ०५:४५, १४ अप्रैल २०२४
  • ...य तन्त्र''' (Linear systems) वे तन्त्र हैं [[अध्यारोपण प्रमेय|अध्यारोपण का सिद्धान्त]] (superposition) तथा स्केलिंग (scaling) के गुण को सन्तुष्ट करते हैं ...[[अरेखीय तंत्र|अरेखीय तन्त्रों]] का रिस्पान्स निकालने के लिये [[अध्यारोपण सिद्धान्त]] का प्रयोग '''नहीं''' किया जा सकता। ...
    ९ KB (१५१ शब्द) - ०६:२४, ३ मार्च २०२०
  • *[[:en:Gauss–Kuzmin–Wirsing constant]], [[संख्या सिद्धान्त]] में एक नियत *[[गॉस–क्रूगर निर्देशांक तंत्र]] ...
    ८ KB (४०४ शब्द) - ०६:२५, १४ फ़रवरी २०२४
  • ...न मेकैनिक्स''' [[चिरसम्मत यांत्रिकी]] के पुनःसूत्रीकरण पर आधारित एक विकसित सिद्धान्त है जो चिरसम्मत यांत्रिकी के समान परिणाम देता है। इसमें विभिन्न गणितीय सूत्र ...है, जहाँ निर्देशांक <math>q_i,p_i</math> का प्रत्यक घटक तन्त्र के निर्देश तंत्र द्वारा अनुक्रमित है। ...
    ६ KB (१७९ शब्द) - ०५:३५, १८ नवम्बर २०२१
  • ...न्त्र]] में यांत्रिक, वैद्युत, इलेक्ट्रानिक, हाइड्रालिक, तापीय, [[नियंत्रण सिद्धान्त|नियन्त्रण]], विद्युत ऊर्जा आदि घटक हों तो उसे मॉडेलिका के द्वारा मॉडल करके निम्नलिखित सरल कोड एक प्रथम ऑर्डर के तंत्र (<math>\dot x = - c \cdot x</math>) को निरूपित करता है- ...
    ७ KB (५०९ शब्द) - २०:१५, २२ जुलाई २०२४
  • ...सक्षम रहा था। उत्सर्जन सिद्धांत [[प्रकाश]] संचरण के लिए कोई प्रधान निर्देश तंत्र नहीं होने के कारण [[आपेक्षिकता सिद्धांत]] का पालन करते हैं, लेकिन ये सिद्धा ...्शित हुआ कि प्रकाश का वेग स्रोत पर निर्भर नहीं करता, परिणामस्वरूप उत्सर्जन सिद्धान्तों का खण्डन हो गया। ...
    ७ KB (२१० शब्द) - १४:२५, २५ अगस्त २०२३
  • ...ु या वस्तुओं अथवा निकाय की कुल ऊर्जा और संवेग का गुणधर्म है जो सभी निर्देश तंत्रों में [[लोरेन्ट्स रूपांतरण]] के अधीन समान रहते हैं। ...| author=लैंडाऊ, एल॰ डी॰, लिफ्शित्ज़, ई॰ एम॰| title=क्षेत्रों का चिरसम्मत सिद्धान्त (The Classical Theory of Fields): चतुर्थ संशोधित संस्करण (4-th revised Engl ...
    ९ KB (३९६ शब्द) - ०८:४६, १० जून २०२२
  • ...त्-चुम्बकीय प्रेरण|विद्युतचुम्बकीय प्रेरण]] (Electromagnetic Induction) के सिद्धान्त का प्रयोग करती है। [[विद्युत मोटर]], इसके विपरीत [[विद्युत शक्ति|विद्युत उर == सिद्धान्त == ...
    २८ KB (२०७ शब्द) - १४:१२, १७ नवम्बर २०२३
  • ...nphysics00crow |archive-date= 1 मई 2013 |url-status= live }}</ref> निर्देश तंत्रों की स्पष्ट अवधारणा न्यूटन के मरने के काफी समय पश्चात विकसित हुई। यह नियम अप्रत्क्ष रूप से [[जड़त्वीय निर्देश तंत्र]] (निर्देश तंत्र जिसमें अन्य दोनों नियमों मान्य हैं) तथा बल को भी परिभाषित करता है। इसके कार ...
    ३८ KB (१,१२९ शब्द) - ०८:०४, २८ सितम्बर २०२४
  • ...ोध-पत्र में [[अल्बर्ट आइंस्टीन]] ने १९०५ में प्रस्तावित [[जड़त्वीय निर्देश तंत्र]] में मापन का एक भौतिक सिद्धांत दिया।<!--ref name=electro>[[अल्बर्ट आइंस्टी ...विशिष्ट (special) कहने का कारण यह है कि यह सिद्धांत केवल जड़त्वीय निर्देश तंत्रों में ही लागू होता है। इसके कुछ वर्षों पश्चात् [[सामान्य आपेक्षिकता]] नामक ...
    १३६ KB (४,०३१ शब्द) - ११:५५, ४ जून २०२४
  • ...(लेंस) एक प्रकाशीय युक्ति है जो [[प्रकाश का अपवर्तन|प्रकाश के अपवर्तन]] के सिद्धान्त पर काम करता है। ताल गोलीय, बेलनाकार आदि जैसे नियमित, ज्यामिती रूप की दो सतह किन्तु यदि दो पतले ताल परस्पर ''d'' दूरी पर रखे जांय तो संयुक्त ताल तंत्र की फोकस दूरी इस सूत्र से निकलेगी- ...
    १९ KB (६७८ शब्द) - ०१:५०, ५ अगस्त २०२४
  • {{मुख्य|बहुपिण्ड तंत्र}} {{मुख्य|क्षोभ सिद्धान्त}} ...
    २३ KB (२०५ शब्द) - ०३:०८, ५ मार्च २०२०
  • ...ts Triggered by Cloud Compression in Interacting Galaxies}}</ref> बाद वाला तंत्र [[गोल तारागुच्छ|गोलाकार समूहों]] के निर्माण के लिए जिम्मेदार हो सकता है। <r ...याशी की सीमा]] समाप्त नहीं हो जाती है, और उसके बाद [[केल्विन-हेल्महोल्ट्ज़ तंत्र|केल्विन-हेल्महोल्ट्ज़ टाइमस्केल]] पर संकुचन जारी रहता है और तापमान स्थिर रह ...
    ६९ KB (२,६७५ शब्द) - १०:१२, २५ दिसम्बर २०२४
  • ...ड की आपेक्षिक स्थिति के कारण होती है और वस्तुत: पृथ्वी एवं पिंड द्वारा बने तंत्र (सिस्टम) की ऊर्जा होती है। इसीलिए इसे स्थितिज ऊर्जा कहते हैं। जब कभी भी पिं ...प्रत्येक कार्य के लिए ऊर्जा को आवश्यक बताया गया है। [[उर्जा के संरक्षण का सिद्धान्त|ऊर्जा संरक्षण सिद्धांत]] के अनुसार ऊर्जा को न तो जना जा सकता है और ना तो नष ...
    ४९ KB (५५० शब्द) - १३:३०, २६ अगस्त २०२४
  • ...पृथ्वी के बाहर से रेडियो तरंगों प्राप्त तथा दर्ज करते हैं। वे [[महाविस्फोट सिद्धान्त|बिग बैंग,]] पल्सर तथा अन्य स्त्रोतों से उत्पन्न होने वाली ब्रह्मांडीय माइक् '''ब्रह्मांड का मूल''' ब्रह्मांड की उत्पत्ति के सिद्धांत, [[महाविस्फोट सिद्धान्त|बिग बैंग सिद्धांत]], शुरुआती [[ब्रह्माण्ड|ब्रह्मांड]], प्रमाण, कॉस्मिक माइक ...
    ८९ KB (६४७ शब्द) - १५:२०, १६ सितम्बर २०२४
  • <span id="अनिश्चितता सिद्धान्त"></span>{{Term|[[अनिश्चितता सिद्धान्त]] (uncertainty principle)}} ...्तित कर लेता है। इस तरह के अवशोषण {{gli|स्पेक्ट्रमी प्रकाशमिति}} का मूलभूत सिद्धान्त है।|no=2}} ...
    २७७ KB (६,०३० शब्द) - १६:५३, २८ जुलाई २०२४
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