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- ...तिकी''' [[तरल यांत्रिकी]] की एक शाखा है। इसका प्रयोग गतिशील [[तरल|तरलों]] (द्रव तथा गैस) की प्रकृति तथा उस पर लगने वाले बलों के आकलन के लिए किया जाता है। ज ...रति आचरण उनके [[घनत्व]], [[श्यानता]] तथा अन्य गुणों पर निर्भर करता है। यदि द्रव की श्यानता बहुत कम हो तो घर्षण बलों को नगण्य मानते हुए छोड़ा जा सकता है। इस ...३ KB (९३ शब्द) - ०९:३१, २९ मार्च २०१७
- * <math>R</math> द्रव की त्रिज्या (~ जल की गहराई) [m] और ...२ KB (६४ शब्द) - १०:११, ३ जून २०१७
- ===द्रव का दाब=== == द्रव का गतिक दाब == ...८ KB (५०८ शब्द) - १३:५३, २५ अप्रैल २०२३
- ...कोहलर संख्या''' ( '''Da<sub>II</sub>''' ) को रासायनिक प्रतिक्रिया की दर के द्रव्यमान हस्तांतरण दर के अनुपात के रूप में परिभाषित किया गया है इसे विशिष्ट द्रव और रासायनिक टाइमस्केल के अनुपात के रूप में भी परिभाषित किया गया है: ...६ KB (१२९ शब्द) - ०८:४२, २ फ़रवरी २०२१
- ...ंपीड्य (इन्कम्प्रेसिबल) है, (यद्यपि दाब परिवर्ती है किन्तु सभी बिन्दुओं पर द्रव का घनत्व एकसमान है।) ...प्त हो गयी है तथा प्रवाह अघूर्णी (इर्र्रोटेशनल) है (किसी दिए हुए बिन्दु पर द्रव का वेग, दाब आदि समय के साथ अपरिवर्ती हैं), तो ...५ KB (२१९ शब्द) - ०९:३९, ३१ दिसम्बर २०२३
- [[चित्र:Stokes sphere.svg|right|thumb|250px|किसी द्रव में डूबते हुए गोले के चारों तरफ बनी धारारेखाएँ ; इस चित्र में उत्प्लावन बल ...३ KB (१०६ शब्द) - १५:४७, २ अप्रैल २०२१
- ...[[ध्वनि]], [[ऊष्मा]], [[स्थिरवैद्युतिकी]], [[विद्युत-गतिकी]], [[तरल गतिकी|द्रव का प्रवाह]], [[प्रत्यास्थता]] या [[प्रमात्रा यान्त्रिकी]] को समझने में किया ...९ KB (६०३ शब्द) - १०:३९, २५ जनवरी २०२०
- ...ै कि कम से कम एक पिंड अन्य पिंडों में से एक की अपेक्षा इतना छोटा है कि उसे द्रव्यबिंदु, अर्थात् कण, माना जा सकता है। गुरूत्वाकर्षण के प्रभाव में प्रक्षेप् ...शिता के सिद्धांत]] की पुनरूक्ति जैसी है। अपरिवर्ती घूर्णनवाले गुरूत्वपूर्ण द्रव का व्यवहार मैकलोरिन (Maclaurin सन् १७४२) के [[ज्वार-भाटा-सिद्धांत]] में और ...२३ KB (२०५ शब्द) - ०३:०८, ५ मार्च २०२०
- * [[नेवियर-स्टोक्स समीकरण]] (Navier-Stokes equations) -- [[द्रव गतिकी]] में ...१८ KB (१,१९१ शब्द) - १७:२७, ८ मई २०२३
- ...वस्था के क्रियाशील पदार्थ उपस्थित होते हैं। एथिलीन् ऑक्साइड (गैस) तथा जल (द्रव) की पारस्परिक क्रिया से एथिलीन ग्लाइकोल बनता है। यह क्रिया निम्नांकित रूप म ...४४ KB (३२३ शब्द) - १०:०२, १५ जुलाई २०२४
- अनेक प्रकार की भौतिकीय साम्यावस्थाएँ, जैसे द्रव तथा वाष्प, विलयन तथा अविलेय विलेय के मध्य स्थापित साम्यावस्था रासायनिक साम् ...१५ KB (६९६ शब्द) - १७:१७, ३१ मई २०२२
- एक चौथे प्रकार का ताप विनिमायक, ताप को रोक रखने के लिए एक मध्यवर्ती द्रव या ठोस भंडार का उपयोग करता है, जिसे बाद में निर्मोचन के लिए ताप विनिमायक के ...विनिमायकों का ज्यादातर उपयोग, [[प्राकृतिक गैस]], [[हीलियम]] और [[ऑक्सीजन]] द्रवीकरण संयत्र, वायु अलगाव संयंत्र और मोटर और [[विमान इंजन]] जैसे परिवहन उद्योग ...९० KB (१,४५४ शब्द) - १४:१९, २७ अगस्त २०२३
- ...बकीय आघूर्ण होते हैं। वैसे ही जैसे प्रत्येक कण में, सहज रूप से, एक निश्चित द्रव्यमान और [[विद्युत आवेश|आवेश]] होता है, प्रत्येक में निश्चित चुंबकीय आघूर्ण आम तौर पर, किसी द्रव्य में इलेक्ट्रॉनों की भारी संख्या इस प्रकार व्यवस्थित होती है कि उनके चुंबक ...७६ KB (१,६०७ शब्द) - ०३:५७, १९ सितम्बर २०२४
- ...}} से इस तरह भिन्न होता है कि यह अनन्य रूप से सतही घटना है जबकि अवशोषण में द्रव्य का पूर्ण आयतन शामिल होता है।}} ...से अभिक्रिया करता है (अर्थात् {{gli|अभिक्रिया दर}})। {{gli|उष्मागतिकी|उष्मागतिकीय}} रूप से किसी रासायनिक अभिक्रिया के होने का कारण {{gli|अभिकर्मक|अभिकर्मकों ...२७७ KB (६,०३० शब्द) - १६:५३, २८ जुलाई २०२४
- | known_for = [[आर्किमिडिज़ सिद्धांत]], [[आर्किमिडिज़ पेच]], [[द्रव्य स्थिति-विज्ञान]], [[लीवर]], [[अतिसूक्ष्म राशियाँ]] ...ंतरित करने के लिए भी किया जा सकता था। आर्किमिडीज़ के स्क्रू का उपयोग आज भी द्रव और कणीय ठोस जैसे कोयला और अनाज को पम्प करने के लिए किया जाता है। रोमन काल म ...१२६ KB (३,९११ शब्द) - १७:२१, १४ नवम्बर २०२४