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- ...) भूकम्पज्ञों द्वारा उपयोग में लाया जाने वाला मापक्रम (स्केल) है जो किसी [[भूकम्प|भूकंप]] की तीव्रता को नापने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। इसमें भूकंप को उस ...र पैमाना|रिक्टर परिमाप]] के अद्यतन स्वरूप किया गया था जो की तीस के दशक में भूकम्पों को मापने के लिए विकसित किया गया था। ...४ KB (५५ शब्द) - १३:५८, ३० जून २०२३
- ...ते हैं। रिक्टर पैमाने का विकास १९३० के दशक में किया गया था। १९७० के बाद से भूकम्प की तीव्रता के मापन के लिये रिक्टर पैमाने के स्थान पर 'आघूर्ण परिमाण पैमाना' [[चित्र:Ondas sísmicas s p.svg|right|thumb|200px|भूकम्पमापी द्वारा एक भूकम्प के समय लिया गया आरेख]] ...१४ KB (३०० शब्द) - ०७:११, २५ नवम्बर २०२४
- भूकम्प के लिए उत्तरदायी प्राथिमक तरंगे भी अनुदैर्ध्य ही होती हैं। इन तरंगों को कर् वायु में [[ध्वनि|ध्वनि तरंगें]] भी अनुदैर्घ्य तरंगें हैं। इसी प्रकार, [[भूकम्प]] और [[विस्फोट]] के कारण उत्पन्न [[पी-तरंग|पी तरंगें]] भी अनुदैर्घ्य तरंगें ...६ KB (१५५ शब्द) - १०:२८, १६ सितम्बर २०२४
- * '''[[भूकम्प]] की उर्जा : जहाँ ''M'' भूकम्प की तीव्रता (रिचर पैमाने पर) है। ...४९ KB (५५० शब्द) - १३:३०, २६ अगस्त २०२४
- ...ला ग्रहों का अध्ययन है। इसमें शामिल होने वाली शाखाएं हैं: भूकम्प विज्ञान [[भूकम्प|(भूकंप]] और लोचदार [[तरंग|लहरें]]), ग्रहों का गुरुत्वाकर्षण, [[भूगणित]]), ट ...ूविज्ञान या खगोल जलविज्ञान [[खनिज विज्ञान]], जलवायु विज्ञान, तलछट विज्ञान, भूकम्प विज्ञान, [[स्तरिकी|स्ट्रेटीग्राफी]], संरचनात्मक भूविज्ञान, ज्वालामुखी विज्ञ ...८९ KB (६४७ शब्द) - १५:२०, १६ सितम्बर २०२४