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- गणित में,क्वाटरनीयोन्ज़ संख्या प्रणाली जटिल संख्याओं का विस्तार करती है। १८४३<r ...णित]] में चतुष्कोणों का उपयोग किया जाता है, लेकिन [[अनुप्रयुक्त गणित]] में व्यावहारिक उपयोग भी होता है, विशेष रूप से [[चतुर्भुज और स्थानिक घुमाव|तीन-आयामी घुमाव ...५ KB (२४९ शब्द) - १३:२३, १३ नवम्बर २०२२
- ...याज की गणना की जाती है) अपरिवर्तित रहता है। कुछ छोटे-मोटे मामलों को छोड़कर व्यावहारिक जीवन के प्रायः सभी क्षेत्रों में चक्रवृद्धि ब्याज ही लिया/दिया जाता है == ब्याज का गणित == ...६ KB (२२० शब्द) - ०८:०२, १७ अप्रैल २०२४
- [[गणित]] में किसी संख्या '''x''' का '''वर्गमूल''' (square root (<math>\sqrt{x}</ma ...से कम [[शुल्बसूत्र]] के समय से ही [[वर्ग]] एवं वर्गमूल के सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक पक्षों का ज्ञान था। शुल्ब सूत्रों की रचना ८०० ईसापूर्व से ५०० ईसापूर्व तक ब ...५ KB (२१२ शब्द) - १३:५१, २२ जुलाई २०२४
- ...ै। यह [[बीजीय ज्यामिति]], [[संख्या सिद्धान्त]], [[व्यावहारिक गणित]] सहित [[गणित]] की विभिन्न शाखाओं में उपयोगी है तथा इसी प्रकार [[तरल गतिकी]], [[उष्मागतिक *[[सदिश गणित]] (Vector calculus) ...७ KB (३९५ शब्द) - १६:१४, १९ सितम्बर २०२१
- ...lum}}) कहते हैं जो स्वतंत्रतापूर्वक आगे-पीछे झूल सकता हो। [[झूला]] इसका एक व्यावहारिक उदाहरण है। * [[लोलक (गणित)]] ...४ KB (८२ शब्द) - ०१:२६, २९ दिसम्बर २०२१
- [[गणित]] में '''समिश्र संख्याएँ''' (complex number) [[वास्तविक संख्या|वास्तविक संख === व्यावहारिक गणित (Applied mathematics) === ...१५ KB (१,१७० शब्द) - १२:३८, २८ अक्टूबर २०२२
- ...्क्रीट फुरिअर रूपान्तर, डिस्क्रीट-टाइम फुरिअर रूपान्तर (DTFT) से भिन्न है। व्यावहारिक दृष्टि से डिस्क्रीट फुरिअर रूपान्तर की गणना किसी उपयुक्त [[त्वरित फुरिअर रू [[श्रेणी:गणित]] ...५ KB (३३२ शब्द) - ०४:३९, १८ नवम्बर २०२१
- ...फ्लक्स''' (flux) की [[अवधारणा]] का [[भौतिक शास्त्र|भौतिकी]] व [[व्यावहारिक गणित]] में कई तरह से उपयोग होता है। मोटे तौर पर, किसी स्थान, [[पृष्ट|सतह]] या अन == अभिवाह की सामान्य गणितीय परिभाषा == ...६ KB (१५२ शब्द) - २३:५३, १३ अगस्त २०२२
- ...्रयुक्त यांत्रिकी]], [[पदार्थ विज्ञान]], तथा [[व्यावहारिक गणित|अनुप्रयुक्त गणित]] का उपयोग होता है। इनका प्रयोग करते हुए संरचना की विकृतियों, आन्तरिक बलों, ...७ KB (४४८ शब्द) - ०२:४८, २३ जुलाई २०२४
- '''गति विज्ञान''' (Dynamics) [[व्यावहारिक गणित|अनुप्रयुक्त गणित]] की यह शाखा पिंडों की गति से तथा इन गतियों को नियमित करनेवाले [[बल|बलों]] ...थातथ्य रूप में प्रकाशित नहीं हो पाता है। इन नियमों को प्रमाणित कर सकने में व्यावहारिक कठिनाइयों के अतिरिक्त कुछ तर्कविषयक बाधाएँ भी हैं, जो इस स्थिति को दूषित अथ ...२३ KB (२०५ शब्द) - ०३:०८, ५ मार्च २०२०
- [[श्रेणी:व्यावहारिक गणित]] [[श्रेणी:गणितीय विश्लेषण]] ...१० KB (३३२ शब्द) - १४:२७, २२ जून २०२०
- ...अब इसमें कोई सन्देश नहीं रह गया है कि डायोफैण्टस से बहुत पहले ही [[भारतीय गणित]]ज्ञों ने इस क्षेत्र में अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य कर लिया था। ([[कुट्टक]] द ...सामान्य सिद्धान्त (जो द्विघात रूपों के परे भी जांय) बीसवीं शती की एक बड़ी गणितीय उपलब्धि मानी जाती है। ...१४ KB (३२३ शब्द) - ०३:२७, २६ मई २०२२
- ...सम्भावना को '''प्रायिकता''' या '''संभाव्यता''' कहते हैं। [[सांख्यिकी]], [[गणित]], [[विज्ञान]], [[दर्शनशास्त्र]] आदि क्षेत्रों में इसका बहुतायत से प्रयोग ह संभाव्यता की गणना गणित द्वारा होती है। घटनाएँ विभिन्न प्रकार की होती हैं। अत: उनकी संभाव्यता की गण ...१३ KB (५४२ शब्द) - १८:२७, २२ जनवरी २०२२
- गणित में रीमान परिकल्पना, एक निष्कर्ष है जिसके प्रकार [[रीमान जीटा फलन|रीमान ज़ी ...विड हिल्बर्ट|डेविड हिलबर्ट]] की सूची में आठवें समस्या का हिस्सा है।यह क्ले गणित सम्स्थान के मिल्लेनियम प्रैज़ प्रोब्लम्स में एक है। ...१४ KB (२८७ शब्द) - १९:०१, ६ मार्च २०२१
- ...होता है कि वे [[शैव]] थे क्योंकि उन्होंने [[शिव]] को प्रणाम किया है। [[पाटीगणित]] के प्रारम्भ में भी उन्होंने सृष्टि, स्थिति, संहार के कारण अजन्मा ईश्वर को ...र्घ्य के प्रयोग में व्यतिक्रम हो सकता है। उक्त प्रसंग में कन्दलीकार द्वारा गणित के इस तथ्य का उल्लेख हो सकता था । पर ऐसा न होने से ऐसा नहीं लगता कि कन्दली ...१७ KB (२२८ शब्द) - ११:१४, ४ मार्च २०२५
- ...न परिस्थितियों के मूल्याँकन पर विशेष ध्यान दिया जाता है। अध्ययन की यह रीति गणित के नियमों के समान निश्चित तथा कठोर सिद्धांतों पर आधारित होती है। किसी रासाय ...णित के सदृश कठोर नियमों का अक्षरश: पालन नहीं किया जाता है, वरन् क्रिया के व्यावहारिक पक्ष पर अधिक ध्यान दिया जाता है। अत: इस रीति से अध्ययन करने से प्राप्त तथ्य ...४४ KB (३२३ शब्द) - १०:०२, १५ जुलाई २०२४
- ...रेखागणित]], [[त्रिकोणमिति]], [[सांख्यिकी]], [[बीजगणित]], [[कलन]], इत्यादि। गणित में अभ्यस्त व्यक्ति या खोज करने वाले वैज्ञानिक को [[गणितज्ञ]] कहते हैं। ...ं शताब्दी के प्रख्यात ब्रिटिश गणितज्ञ और दार्शनिक बर्टेंड रसेल के अनुसार ‘‘गणित को एक ऐसे विषय के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें हम जानते ही नहीं ...३७ KB (८३१ शब्द) - १६:१६, १५ दिसम्बर २०२४
- ...[गणित]] का भी इतिहास अत्यन्त प्राचीन है। मानव सभ्यता के आरम्भिक काल में ही गणित अथवा गणन विषयक अवधारणा का आरम्भ हो गया होगा, ऐसा दिखायी पड़ता है। [[भारत]] में गणितीय विचारों की परम्परा वैदिक काल से ही आरम्भ हो गयी थी जो 3000 वर्ष से अधिक प ...१२९ KB (९५१ शब्द) - ०६:१२, २१ फ़रवरी २०२५
- ...कंप्यूटर|संगणक]] (computer) और [[परिकलक]] (calculator) के आने के पहले जटिल गणितीय गणनाएँ लघुगणक की मदद से ही की जातीं थीं। ...किसी संख्या का '''लघुगणक''' वह संख्या होती है जिसको उस आधार के ऊपर [[घात (गणित)|घात]] लगाने से उसका मान दी हुई संख्या के बराबर हो जाय। उदाहरण के लिये, १० ...३१ KB (१,१७५ शब्द) - ०३:०५, ३ फ़रवरी २०२५
- ...ें बताने वाले ज्ञान के क्षेत्र के रूप में उभरा था। ज्यामिति पूर्व-आधुनिक [[गणित]] के दो क्षेत्रों में से एक था; और दूसरा क्षेत्र संख्याओं के अध्ययन से संबं ...त थी। ज्यामिति में क्रांतिकारी बदलाव [[यूक्लिड]] द्वारा किया गया जिन्होंने गणितीय रिगर (rigor) और स्वयंसिद्ध विधि (axiomatic method) को पेश किया था जो आज भ ...११० KB (१,४१९ शब्द) - ०४:०८, २० सितम्बर २०२४