आपेक्षिक ऊर्जा व संवेग के परिक्षण

testwiki से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
न्यूटनीय यांत्रिकी और विशिष्ट आपेक्षिकता

आपेक्षिक ऊर्जा व संवेग के परिक्षण, ऊर्जा, संवेगद्रव्यमान के आपेक्षिक व्यंजकों के मापन के उद्देश्य हैं। विशिष्ट आपेक्षिकता सिद्धान्त के अनुसार प्रकाश के वेग की कोटि के वेग से गतिशील कण चिरसम्मत यांत्रिकी के गुणधर्मों के समान नहीं होते।

अवलोकन

चिरसम्मत यांत्रिकी में गतिज ऊर्जा और संवेग के व्यंजक निम्न होते हैं :

Ek=12mv2,p=mv.

और विशिष्ट आपेक्षिकता के अनुसार प्रकाश का वेग सभी जड़त्वीय निर्देश तंत्रों में नियत होता है। आपेक्षिक संवेग-ऊर्जा सम्बन्ध निम्न प्रकार लिखा जाता है:

E2(pc)2=(mc2)2,

जिससे द्रव्यमान सहित कण की विराम ऊर्जा E0, आपेक्षिक ऊर्जा (स्थितिज + गतिज) E, गतिज ऊर्जा Ek और संवेग p निम्न प्रकार दिये जाते हैं:

E0=mc2,E=γmc2,Ek=(γ1)mc2,p=γmv,

जहाँ γ=1/1(v/c)2.

ये भी देखें

सन्दर्भ

साँचा:Reflist

बाहरी कड़ियाँ