कार्तीय गुणन

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दो समुच्चयों A={x,y,z} तथा B={1,2,3} का कार्तेज़ीय गुणन A×B

समुच्चय सिद्धान्त में, दो समुच्चयों A तथा B का कार्तेज़ीय गुणन, जिसे A × B को चिह्नित करते हैं, सभी क्रमित युग्मों (a, b) का समुच्चय है जहाँ a ∈ A और b ∈ B। समुच्चय निर्माण रूप में:

A×B={(a,b)|aA,bB}

पंक्तियों के समुच्चय और स्तम्भों के समुच्चय का कार्तेज़ीय गुणन लेकर सारणी बनाई जा सकती है। यदि कार्तेज़ीय गुणन पंक्तियों × स्तंभों को लिया जाता है, तो सारणी के कक्ष क्रमित युग्मों (पंक्ति मान, स्तम्भ मान) के रूप में होते हैं।

n समुच्चयों का कार्तेज़ीय गुणन n-बीमा की एक अर्रे द्वारा निरूपित किया जा सकता है जिसके सभी सदस्य n-अवयवी होंगे।

'कार्तेज़ीय गुणन' शब्द 'रने देकार्त' के नाम पर रखा गया है जिनका वैश्लेषिक ज्यामित में विशेष योगदान है।

उदाहरण

यदि दो समुच्चय A={1,2,3,4} तथा B={a,b} दिये हों तो उनका कार्तीय गुणन यह होगा-

A×B={(1,a),(1,b),(2,a),(2,b),(3,a),(3,b),(4,a),(4,b)}