मरोड़

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वर्गाकार अनुच्छेद वाली छड़ का मरोड़

ठोस यांत्रिकी के सन्दर्भ में, किसी वस्तु पर बलाघूर्ण लगाने से उसमें जो ऐंठन उत्पन्न होती है उसे मरोड़ या विमोटन (torsion) कहते हैं। इसकी ईकाई न्यूटन मीटर है। मरोड़ के कारण बलाघूर्ण के अक्ष के लम्बवत अनुच्छेदों में शीयर स्ट्रेस पैदा होता है जो त्रिज्या के लम्बवत होता है।

एकसमान अनुप्रस्थ काट वाले शैफ्ट के लिये मरोड़ का मान निम्नलिखित है-

T=JTrτ=JTGθ

जहाँ:

  • T लगाया गया बलाघूर्ण या 'मरोड़ का आघूर्ण' है। (Nm में).
  • τ बाहरी पृष्ट पर अधिकतम शीयर स्ट्रेस
  • JT उस परिच्छेद के लिये मरोड़-नियतांक (torsion constant)। यह क्षेत्रफल का द्वितीय आघूर्ण Jzz के बराबर होता है। (केवल concentric circular tubes या गोल ठोस शैफ्ट के लिये)
  • r घूर्णन अक्ष से उस परिच्छेद में स्थित सर्वाधिक दूरी वाले बिन्दु की दूरी
  • उस वस्तु की लम्बाई जिस पर बलाघूर्ण लगाया गया है।
  • θ ऐंठन-कोण रेडियन में.
  • G शीयर मॉडुलस (modulus of rigidity) (GPa में),
  • JT G को मरोड दृढ़ता (torsional rigidity) wT कहते हैं।

इन्हें भी देखें

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