वक्रता त्रिज्या

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लघ्वक्ष गोलाभ (oblate spheroid);

दोनों चित्रों में देशान्तर रेखाएँ एक ध्रुव को दूसरे ध्रुव से मिलाती हैं।
परिक्रमण दीर्घवृत्‍तज (ellipsoid of revolution)

किसी वक्र के किसी बिन्दु पर एक चाप की कल्पना की जाय जो उस बिन्दु पर उस वक्र के सबसे सन्निकट निरूपण करे तो इस चाप की त्रिज्या को वक्रता त्रिज्या R कहते हैं। यह वक्रता κ का व्युत्क्रम होता है।

R=|1κ|=|dsdϕ|

जहाँ s उस बिन्दु पर चाप की लम्बाई है, ϕ स्पर्शरेखीय कोण है।

वक्रता त्रिज्या निकालने का सूत्र

यदि दिए हुए वक्र का समीकरण, कार्तीय निर्देशांकों में y=f(x) हो तो, निम्नलिखित सूत्र द्वारा वक्रता त्रिज्या की गणना की जा सकती है।

R=|[1+(dydx)2]3/2d2ydx2|

यदि वक्र का समीकरण प्राचल निर्देशांक (पैरामेट्रिक निर्देशांक में) दिया हो, अर्थात् {x=x(t)y=y(t), वक्रता त्रिज्या निम्नलिखित सूत्र से निकाल सकते हैं:

R=|(x2+y2)3/2xyyx|

जहाँ x=dxdt,x=d2xdt2,y=dydt,y=d2ydt2.