प्रतिलोम फलन

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फलन ƒ तथा इसका प्रतिलोम ƒ–1. फलन ƒ, a को 3 से प्रतिचित्रित करता है, इसलिये प्रतिलोम फलन ƒ–1, 3 का प्रतिचित्रण पुनः a पर कर रहा है।

गणित में किसी फलन का प्रतिलोम फलन (inverse function) उस फलन को कहते हैं जो मूल फलन द्वारा किये गये परिवर्तन को बदलकर मूल रूप में ला दे। किसी फलन ƒ में x रखने पर परिणाम y मिलता है तो ƒ के प्रतिलोम फलन में y रखने पर परिणाम x मिलेगा, अर्थात् ƒ(x)=y और g(y)=x तो फलन ƒ तथा g एक-दूसरे के प्रतिलोम फलन हैं। इसी को दूसरे तरह से यों कह सकते हैं : g(ƒ(x))=x .

यदि फलन ƒ का प्रतिलोम निकाला जा सकता है तो इसे प्रतिलोमनीय अथवा व्युत्क्रमणीय (invertible) कहते हैं। इस स्थिति में ƒ के उस एकमेव (यूनिक) प्रतिलोम को ƒ−1 कहते हैं (इसे 'f इन्वर्स' वाचते हैं, इसे -1 घात नहीं समझना चाहिये)

उदाहरण के लिये, माना ƒ एक ऐसा फलन है जो सेल्सियस में ताप के मान को फारेनहाइट में बदल देता है।

f(C)=95C+32;

तो इसका प्रतिलोम फलन वह होगा जो डिग्री फारेनहाइट को डिग्री सेल्सियस में बदल दे। अर्थात्

f1(F)=59(F32),

क्योंकि

f1(f(C))=f1(95C+32)=59((95C+32)32)=C

जो C के प्रत्येक मान के लिये सत्य है।

प्रमुख मानक फलनों के प्रतिलोम फलन

फलन ƒ(x) प्रतिलोम ƒ−1(y) टिप्पणी
x + a ya
ax ay
mx y / m m ≠ 0
1 / x 1 / y x, y ≠ 0
x2 y x, y ≥ 0 only
x3 y3 no restriction on x and y
xp y1/p (i.e. yp) x, y ≥ 0 in general, p ≠ 0
ex ln y y > 0
ax loga y y > 0 and a > 0

प्रतिलोम निकालने की विधियाँ

प्रतिलोम निकालने के लिये अलग-अलग विधिया प्रयोग करनी पड़ती है का एक तरीका यह है कि यदि प्रतिलोम का अस्तित्व है तो समीकरण को हल करें और x का मान निकालें- साँचा:Nowrap

उदाहरण के लिये,

f(x)=(2x+8)3

तो हमें साँचा:Nowrap की सहायता से x का मान निकालना होगा:

y=(2x+8)3y3=2x+8y38=2xy382=x.

अत: प्रतिलोम फलन ƒ−1 निम्नलिखित सूत्र द्वारा दिया जा सकता है-

f1(y)=y382.

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ