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- ...रे रूप में बदल देता है। तकनीकी रूप से इसे समय-डोमेन संकेत को आवृत्ति-डोमेन संकेत में परिवर्तन के रूप में समझा जाता है। डिस्क्रीट फुरिअर रूपान्तर, डिस्क्रीट- [[श्रेणी:आंकिक संकेत प्रसंस्करण]] ...५ KB (३३२ शब्द) - ०४:३९, १८ नवम्बर २०२१
- ...्स) आवृत्ति-डोमेन में बदलता है। डिस्क्रीट टाइम-डोमेन संकेत से तात्पर्य ऐसे संकेत से है जो केवल कुछ निश्चित समयों पर अशून्य मान रखता है, शेष समय वह शून्य रहत ...इसका उपयोग [[अंकीय संकेत प्रक्रमण|आंकिक संकेत प्रसंस्करण]] (डीएसपी) एवं [[आंकिक नियंत्रण]] (डिजिटल कन्ट्रोल) में किया जाता है। ...११ KB (१,५२५ शब्द) - २२:५८, १४ जून २०२०
- ...' (Fourier analysis) वह तकनीक है जिसका प्रयोग करके बताया जा सकता है कि कोई संकेत (सिग्नल) किन साइन तरंगों से मिलकर बना हुआ है। फलनों (या अन्य वस्तुओं) को सर ...रंगों का आयाम अधिक है किनका कम है और किनका बिलकुल ही नहीं या नगण्य है। कोई संकेत मुख्यतः किन आवृत्तियों से मिलकर बना है - यह ज्ञान बहुत उपयोगी होता है। उदाह ...१० KB (३३२ शब्द) - १४:२७, २२ जून २०२०
- ...ay 2005, Meyer 2001, and Strang 2005.</ref> "''निकाय''" (system) इस बात का संकेत करता है कि सभी समीकरणों को एक साथ विचार करना है, अलग-अलग नहीं। ...खिक समीकरण निकाय से सामना होता है। जैसे [[अंकीय संकेत प्रक्रमण|आंकिक संकेत प्रसंस्करण]], [[रैखिक इष्टतमकरण]]। अरैखिक गणितीय समस्याओं के रेखीकरण से भी रैखिक समीकर ...११ KB (५४५ शब्द) - १६:५९, ६ मार्च २०२५