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- '''रैखिक परिपथ''' (linear circuit) वह [[विद्युत परिपथ|परिपथ]] है जिसमें ''f'' आवृत्ति का साइनवक्रीय (साइनस्वायडल) इनपुट वोल्टेज लगाने प ...है कि यह [[अध्यारोपण प्रमेय]] का पालन करता है। इसका अर्थ यह है कि जब रैखिक परिपथ के इनपुट में दो संकेतों का रैखिक योग ''ax<sub>1</sub>(t) + bx<sub>2</sub>(t ...३ KB (५९ शब्द) - ०१:०३, २२ जुलाई २०२४
- [[चित्र:EisenkernMitLuftspalt.svg|mini|right|thumb|300px|एक सरल चुम्बकीय परिपथ जिसमें लोहे और वायु-गैप का प्रतिष्टम्भ श्रेणीक्रम में हैं।<br />R<sub>m</su ...विभाजित करने पर [[विद्युत धारा|धारा]] प्राप्त होती है, उसी प्रकार चुम्बकीय परिपथ में चुम्बकीय वाहक बल (मैग्नेटोमोटिव फोर्स) को प्रतिष्टम्भ से भाग देने पर चु ...४ KB (११९ शब्द) - ००:१७, ७ मार्च २०२०
- ...rrent source.svg|thumb|right|एक वास्तविक धारा स्रोत (करेंट सोर्स) का तुल्य परिपथ]] ...ेल) में जुड़े कई प्रतिरोधों के स्थान पर एक ही प्रतिरोध लगाया जा सकता है जो परिपथ से उतनी ही धारा ले जो समान्तर क्रम में जुडे सभी प्रतिरोध मिलकर लेते हैं। ...४ KB (५२ शब्द) - ००:५९, १५ जून २०२०
- ...ी है जिसमें केवल एक प्रतिरोध एक धारा स्रोत के [[श्रेणीक्रम और समानांतरक्रम परिपथ|समान्तर क्रम]] में जुड़ा होता है।]] '''नॉर्टन का प्रमेय''' (Norton's theorem) परिपथ विश्लेषण से सम्बन्धित एक प्रमेय है, जिसके अनुसार ...६ KB (२२५ शब्द) - १५:५४, ११ जनवरी २०२३
- ...ंकल्पना (कांसेप्ट) [[विद्युत परिपथ|वैद्युत नेटवर्कों]] के [[परिपथ विश्लेषण|विश्लेषण]] में प्रयुक्त होती है। इसको वास्तविक 'वैद्युत अवयव' अथवा वास्तविक [[इलेक्ट किसी भी [[विद्युत परिपथ|परिपथ]] के ४ मुख्य चर (variables) होते हैं - ...७ KB (९५ शब्द) - ०९:२१, ८ मार्च २०२०
- ...की विधि''' (method of symmetrical components) असंतुलित तीन फेजी परिपथों के विश्लेषण को सरल बनाने के लिये किया जाता है। ==तीन फेजी असम्तुलित परिपथ == ...३ KB (३११ शब्द) - १९:५९, ११ मार्च २०२०
- [[चित्र:Magnetischer Kreis.svg|right|thumb|250px|केवल एक लूप वाला '''चुम्बकीय परिपथ''']] '''चुंबकीय परिपथ''' (magnetic circuit) एक या अधिक बंद लूप वाले मार्गों से बना होता है जिनमें ...१३ KB (१८७ शब्द) - १२:३०, २० जनवरी २०२१
- ...े लिये किया था। किन्तु बाद में इसका उपयोग अनेकानेक क्षेत्रों में हुआ और यह विश्लेषण का एक क्रान्तिकारी औजार साबित हुआ। ...या फलनों के योग के रूप में प्रकट किये जाते हैं जिससे इनसे सम्बन्धित गणितीय विश्लेषण अत्यन्त सरल हो जाते हैं। ...७ KB (३८५ शब्द) - ०६:४४, १५ जून २०२०
- ...है। संवलन, अन्तःसहसंबंध (cross-correlation) के समान है। इसका उपयोग [[फलनीय विश्लेषण]] तथा [[संकेत प्रसंस्करण]] में होता है। कुछ प्रमुख अनुप्रयोग हैं- [[प्रायिक ...फलन का संवलन ; यह किसी RC [[परिपथ]] के इनपुट में वर्गाकार पल्स लगाने पर उस परिपथ का रिस्पांस निकालने के लिये उपयोग में लाया जा सकता है।]] ...६ KB (१९३ शब्द) - १४:३८, ५ फ़रवरी २०१७
- ...संयुक्त रूप से '''किरचॉफ के परिपथ के नियम ''' कहलाते हैं। ये नियम विद्युत परिपथों के लिये वस्तुतः [[आवेश संरक्षण]] एवं [[ऊर्जा संरक्षण|उर्जा संरक्षण]] के न ...ुछ विभवान्तरों की संख्या के बराबर है। ये विभवान्तर समिश्र संख्या (जैसे एसी विश्लेषण की स्थिति में) भी हो सकते हैं। ...९ KB (३७५ शब्द) - ११:०७, ६ मई २०२४
- [[चित्र:Series circuit.svg|thumb|200px|इस श्रेणीक्रम परिपथ में तीन प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जुड़े हैं।]] ...निक्स|इलेक्ट्रॉनिक]] घटकों या अवयवों को जोड़कर [[विद्युत परिपथ]] बनते हैं। परिपथों में घटक दो प्रकार से जोड़े जा सकते हैं: ...१४ KB (२६१ शब्द) - ०४:०४, ५ फ़रवरी २०२३
- * लॉजिक परिपथ के विश्लेषण में (CAD प्रोग्रामों में) ...२ KB (७९ शब्द) - १२:२७, १८ अप्रैल २०२०
- ...प्रतिरोधक]], [[प्रेरकत्व]] और सन्धारित्र से बना हुआ कोई भी [[विद्युत परिपथ|परिपथ]] रेखीय होगा। * पिक-डिटेक्टर, स्क्वायरर, जीरो-क्रासिंग डिटेक्टर आदि परिपथ रेखीय '''नहीं''' हैं। ...९ KB (१५१ शब्द) - ०६:२४, ३ मार्च २०२०
- ...र पड़ा है जो कि रोमन अक्षर Y और [[यूनान|ग्रीक]] अक्षर Δ जैसे दिखती हैं। यह परिपथ परिवर्तन सन् १८९९ में आर्थर एड्विन केनेडी ने प्रकाशित किया था। [[चित्र:Wye-delta.svg|right|thumb|300px|Δ और Y परिपथ तथा इससे सम्बन्धित नामकरण जो कि इस लेख में प्रयुक्त हुए हैं।]] ...१० KB (१,००६ शब्द) - ०३:३२, ८ अगस्त २०२०
- '''द्वि-प्रद्वार जालक्रम''' (टू-पोर्ट नेटवर्क) ऐसे [[विद्युत परिपथ]] को कहते हैं जिसमें बाहरी जगत (नेटवरक) से जुड़ने के लिये दो-जोड़ी (अर्थात, ...ूसरे पोर्ट पर प्रतिक्रिया की आसानी से गणना करने में सहायक होता है। यह समान परिपथों या उपकरणों की आसानी से तुलना करने में भी सहायक होता है। उदाहरण के लिए, [[ ...२३ KB (१,३८३ शब्द) - ११:२०, ९ जनवरी २०२५
- ...; कभी-कभी संक्षेप में केवल 'शॉर्ट' भी कहते हैं) उसे कहते हैं जो [[विद्युत परिपथ|विद्युत्प्रवाह]] को उस मार्ग से जाने की अनुमति देता है जिसमे [[प्रतिबाधा]] "खुला सर्किट" (ओपन सर्किट), लघु परिपथ का वैद्युतिक विलोम है जिसमें विद्युत परिपथ के किन्ही दो बिन्दुओं के बीच प्रतिबाधा का मान अनन्त होता है। ...२३ KB (३७२ शब्द) - १८:४९, ३० सितम्बर २०२४
- ...यरी]] के अनेकानेक क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए [[परिपथ विश्लेषण]] में। इसको <math> \displaystyle\mathcal{L} \left\{f(t)\right\}</math> से न === ''s''-डोमेन में तुल्य परिपथ और प्रतिबाधाएँ === ...१८ KB (१,५५९ शब्द) - ०९:४९, १८ फ़रवरी २०२२
- ...्र भाग वाष्पित हो जाते हैं और उन्हें थोड़ा विलग करने पर भी यह भाप विद्युत् परिपथ को पूरा किए रहती है। इस भाग में स्थित अणु-परमाणु उत्तेजित होकर प्रकाश देने स्पेक्ट्रो रासायनिक विश्लेषण (Spectro Chemical analysis) के लिए विद्युत् स्फुलिंग मुख्य रूप से उपयोगी हो ...६२ KB (३८३ शब्द) - १९:०५, २५ अप्रैल २०२३
- ...थायी चुंबक सामग्री, बेहतर माप तकनीक, कंप्यूटर सहायित डिजाइन और परिमित तत्व विश्लेषण के रूप में हुए हैं।{{Citation needed|date=जून 2009}} डिजाइन लक्ष्यों के आधार पर चुंबक के आकार और प्रकार तथा चुंबकीय परिपथ के विवरण भिन्न-भिन्न होते हैं। उदाहरण के लिए, ध्रुवीय खंड का आकार वाक कुंडल ...१८५ KB (२,६३२ शब्द) - ०९:२३, १७ सितम्बर २०२३
- {{Ghat|'''अनुमापनमिति''' अथवा '''आयतनिक विश्लेषण''' भी।}} {{Defn|मात्रात्मक रासायनिक विश्लेषण की प्रयोगशाला विधि जो परिचित {{gli|विश्लेष्य}} की {{gli|सान्द्रता}} को ज्ञा ...२७७ KB (६,०३० शब्द) - १६:५३, २८ जुलाई २०२४