एपिपोलर रेखागणित

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एपिपोलर रेखागणित स्टीरियो कैमरा का संबंध निर्धारित करता हे[]। जब दो कैमरा अलग जगह से एक त्रिविम दृश्यन स्थल की ओर देखते है, एपिपोलर रेखागणित उस स्थल और उसके कैमरा प्रोजेक्शन की बाधाओं को निर्धारित करता है।

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परस्पेकटि‌व प्रोजेक्शन

जब त्रिविम दृश्यन स्थल की प्रोजेक्शन कैमरा की 2 दृश्यन छवि सतह पर होती है इसे परस्पेकटि‌व प्रोजेक्शन कहते है। यहाँ पिनहोल कैमरा मान लेते है। पिनहोल कैमरा आंतरिक (इनट्रिनसिक) (K द्वारा चिह्नित)[] मैट्रिक्स मे उसकी फोकल लंबाई, सेंसर लंबाई-चौड़ाई और कैमरा तिरछापन की जानकारी होती है। स्थल की छवि का स्थान कैमरा आंतरिक मैट्रिक्स निर्धारित करता है, पर इस मे स्थल की गहराई खो जाती है। उलटा प्रोजेक्शन से पिक्सल के सथ्ल की दिशा प्राप्त हो सकती है[]

एपिपोल

कैमरा मध्य बिंदू की दूसरी कैमरा पर छवि को एपिपोल कहते है[]। चित्र मे eL और eR द्वारा चिह्नित एपिपोल हैॅ। OL और OR, बाएँ और दांए कैमरा के क्रम के अनुसार मध्य बिंदू हैं।

एपिपोलर रेखा

दिये हुअे चित्र मे (eRXR) रेखा दांए कैमरा की एपिपोलर रेखा है। स्थल (X, X1, X2, X3) के प्रोजेक्शन इस एपिपोलर रेखा (eRXR) पर स्थित है। एपिपोलर रेखा स्थल की प्रोजेक्शन की खोजने की जगह घटाता है। यह कंप्यूटर कलन विधियों के द्वारा एक त्रिविम दृश्यन बिंदू स्थान खोजने की गति को तेज करता है। प्रत्येक एपिपोलर रेखा में कम से कम एक एपिपोल होता है[]

एपिपोलर प्लेन

एपिपोलर रेखागणित
एपिपोलर रेखागणित

चित्र मे X, OL तथा OR से बने प्लेन को एपिपोलर प्लेन कहते हैं। एपिपोलर प्लेन और कैमरे की छवि सतह के मिलान की रेखा एपिपोलर रेखा होती है। प्रत्येक एपिपोलर प्लेन मे एक रेखा सार्वजनिक होता है, इसे एपिपोलर एक्सिस केहते है। दिये हुअे चित्र मे रेखा (OLOR) एपिपोलर एक्सिस है।

फंडामेंटल मैट्रिक्स

एपिपोलर रेखागणित के बाधाओं को खोजने के लिए यहाँ दिये हुअे चित्र के तीन रेखाओं का प्रयोग करेंगे (ORX), (OROL), एवं (XOL)। यह तीनों रेखाएं एपिपोलर प्लेन (OR, X, OL) पर स्थित हैं इसलिए इनका वेक्टर ट्रिपल प्रोडक्ट शून्य होना चाहिए[]। प्रदर्शन के लिए विचार करें कि सथ्ल X की प्रोजेक्शन बाएं और दाएं कैमरा पर (uL, vL) और (uR, vR) क्रम के अनुसार स्थित है। इस बाधा से यह समीकरण मिलता है:

PL और PR क्रम के अनुसार दाएं और बाएं कैमरा के होमोजिनिय्स पिकस्ल है।

PL=[uLvL1]T

PR=[uRvR1]T

मानलेत‌े है K दोनो कैमराओं के लिए एक समान है।

xL=K1PL

xR=K1PR

xR और xL की दिशा क्रम के अनुसार ORX और OLX की ओर है।

OLX(OLOR×ORX)=0

उलटा प्रोजेक्शन से सथ्ल X की दिशा वेक्टर मिलती है जिसे रोटेशन मैट्रिक्स (R द्वारा चिह्नित) से मैट्रिक्स प्रोडक्ट लेके बाएं कैमरा की निर्देशांक फ्रेम मे दरसाते हैं।

xLTSBRxR=0

PLTKTSBRK1PR=0

F=KTSBRK1 []

PLTFPR=0

यहाँ फंडामेंटल मैट्रिक्स (F द्वारा चिह्नित) दोनो कैमराओं की छवि का संबंध निर्धारित करता है। SB मैट्रिक्स (OROL) रेखा (वेक्टर) की क्रौस प्रोडक्ट मैट्रिक्स है।

उपयोग

एपिपोलर रेखागणित के कुछ उपयोग इस प्रकार हैं:

दिए गए छवियों के मिलान पिक्सल से एपिपोलर रेखागणित का प्रयोग कर कैमराओं के बीच के स्थान परिवर्तन एक अज्ञात स्केल तक प्राप्त की जा सकती है[]

रोबोटिक्स और कंप्यूटर दृष्टि के क्षेत्र में इंजीनियर एपिपोलर रेखागणित का उपयोग कर, विभिन्न सथ्लों का पुनर्निर्माण कंप्यूटर सिमुलेशन में करते हैं[]

छवि भ्रांत करना

एपिपोलर रेखागणित का उपयोग करके, दिए गए दूसरे कैमरा का स्थान से उसकी छवि भ्रांत की जा सकती है।

संदर्भ

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