चन्द्रशेखर संख्या

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चन्द्रशेखर संख्या एक विमारहित राशी है जिसे श्यानता के लिए लॉरेंज बल के अनुपात को चुम्बकीय संवहन में निरुपित करने के लिए काम में लिया जाता है। इसका नामकरण भारतीय खगोलभौतिक विज्ञानी सुब्रह्मण्यन् चन्द्रशेखर के सम्मान में किया गया।

इस संख्या का मुख्य फलन चुम्बकीय क्षेत्र का मापन है जब यह निकाय के क्रान्तिक चुम्बकीय क्षेत्र के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होता है।

परिभाषा

चन्द्रशेखर संख्या को सामान्यतः अंग्रेज़ी अक्षर  Q से निरुपित किया जाता है और इसका विमाहीन रूप, चुम्बकीय-द्रवगतिकी समीकरणों के चुम्बकीय बल की उपस्थिति में नेवियर-स्टोक्स समीकरण से प्रेरित है:

1σ(𝐮t + (𝐮)𝐮) = p + 2𝐮 +σζQ (𝐁)𝐁,

यहाँ  σ प्रांटल संख्या तथा  ζ चुम्बकीय प्रांटल संख्या है।

अतः चन्द्रशेखर संख्या को निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता है:[]

Q = B02d2μ0ρνλ

जहाँ  μ0 चुम्बकीय पारगम्यता, तरल का घनत्व,  ν गतिकीय श्यानता और  λ चुम्बकीय विसरणशीलता है।  B0 और  d क्रमशः क्रान्तिक चुम्बकीय क्षेत्र तथा निकाय का लम्बाई पैमाना है।

यह हार्टमान संख्या  H द्वारा निम्न प्रकार सम्बद्ध है:

सन्दर्भ

  1. , "Solar Magnetoconvection [सौर चुम्बकीय संवहन]," सोलर भौतिकी, 192, p109-118 (2000)

इन्हें भी देखें