प्रेरक

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प्रेरकत्व का प्रतीक
कुछ छोटे आकार-प्रकार के प्रेरकत्व
अपेक्षाकृत बड़ा प्रेरकत्व जो पावर सप्लाइयों में प्रयुक्त होते हैं।

प्रेरक या इंडक्टर (inductor) एक वैद्युत अवयव है जिसमें कोई विद्युत धारा प्रवाहित करने पर यह चुम्बकीय क्षेत्र के रूप में उर्जा का भंडारण करता है। प्रेरक द्वारा चुम्बकीय उर्जा के भंडारण की क्षमता को इसका प्रेरकत्व (inductance) कहा जाता है और इसे मापने की इकाई हेनरी है।

प्रेरक को साधारण भाषा में 'चोक' (choke) और 'कुण्डली' (coil) भी कहते हैं।

उपयोग

  • वैद्युत फिल्टर बनाने के लिये
  • इम्पीडैंस मैचिंग के लिये
  • ट्यूबलाइट आदि को जलाने के लिये आरम्भ में हजारों वोल्ट पैदा करने एवं जलने के बाद उससे बहने वाली धारा को सीमित रखने के लिये।
  • पुरानी कारों एवं स्कूटरों आदि में स्पार्क पैदा करने के लिये (इग्नीशन क्वायल)

परिपथ में प्रेरकत्व

ऊर्जा

प्रेरकत्व में भण्डारित ऊर्जा
Einduttore=W=12LI2

जहाँ I प्रेरक से होकर प्रवाहित धारा और L प्रेरकत्व है।

धारा एवं वोल्टता में सम्बन्ध

v(t)=Ldi(t)dt

यदि प्रेरक से साइनवक्रीय I धारा बह रही हो तो, उसका वोल्टेज

V=I×ωL

जहाँ ω का मान,

ω=2πf

जहाँ f प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति है।

𝐗L=ωL=2πfL

यहाँ XL को प्रेरकीय प्रतिबाधा (इंडक्टिव रिएक्टैन्स) कहते हैं।

प्रेरक में जब साइनाकारी विद्युत धारा बहती है तो उसकी धारा की कला, उसके सिरों के बीच विभवान्तर से ९० डिग्री पीछे होता है।

𝐙=jωL=j2πfL

प्रेरकों का संयोजन

प्रेरकों को समान्तर क्रम में या श्रेणीक्रम में जोड़ा जा सकता है।

समान्तर क्रम में जुड़े n प्रेरकों का तुल्य प्रेरकत्व Leq के लिये निम्नलिखित सम्बन्ध है-

समान्तर क्रम में जुड़े हुए प्रेरकत्व

1Leq=1L1+1L2++1Ln

यहाँ माना गया है कि किसी भी प्रेरक का किसी दूसरे के साथ अन्योन्य प्रेरकत्व (म्युचुअल इण्डक्टैस) शून्य है।

श्रेणीक्रम में जुड़े हुए प्रेरकत्व

श्रेणीक्रम में जुड़े प्रेरकों का तुल्य प्रेरकत्व,

Leq=L1+L2++Ln

प्रेरकत्व गणना के लिये सूत्र

संरचना सूत्र प्रतीकों के अर्थ टिप्पणी
बेलनाकार वायु-कोर प्रेरक[] L=μ0KN2Al
Straight wire conductor[] L=μ02π[llnl+l2+c2cl2+c2+c]


+μ2πo(l4+c2ωμρ)

  • L = inductance
  • l = cylinder length
  • c = cylinder radius
  • μ0 = vacuum permeability = 4π nH/cm
  • μ = conductor permeability
  • p = resistivity
  • ω = phase rate
exact if ω = 0 or ω = ∞
L=0.2l(ln4ld1) -0+3%
  • L = inductance (µH)
  • l = length of conductor (mm)
  • d = diameter of conductor (mm)
  • f = frequency
  • Cu or Al
  • l > 100 d
  • d2 f > 1 mm2 MHz
L=0.2l(ln4ld34) +0-3%
  • L = inductance (µH)
  • l = length of conductor (mm)
  • d = diameter of conductor (mm)
  • f = frequency
  • Cu or Al
  • l > 100 d
  • d2 f < 1 mm2 MHz
वायु-क्रोड लघु बेलनाकार कुण्डली[] L=r2N29r+10l
  • L = inductance (µH)
  • r = outer radius of coil (in)
  • l = length of coil (in)
  • N = number of turns
Multilayer air-core coilसाँचा:Citation needed L=0.8r2N26r+9l+10d
  • L = inductance (µH)
  • r = mean radius of coil (in)
  • l = physical length of coil winding (in)
  • N = number of turns
  • d = depth of coil (outer radius minus inner radius) (in)
Flat spiral air-core coilसाँचा:Citation needed L=r2N2(20r+28d)
  • L = inductance (µH)
  • r = mean radius of coil (cm)
  • N = number of turns
  • d = depth of coil (outer radius minus inner radius) (cm)
L=r2N28r+11d
  • L = inductance (µH)
  • r = mean radius of coil (in)
  • N = number of turns
  • d = depth of coil (outer radius minus inner radius) (in)
Toroidal core (circular cross-section)साँचा:Citation needed L=μ0μrr2N2D
  • L = inductance (H)
  • μ0 = permeability of free space = 4π × 10−7 H/m
  • μr = relative permeability of core material
  • r = radius of coil winding (m)
  • N = number of turns
  • D = overall diameter of toroid (m)

सन्दर्भ

साँचा:Reflist

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

साँचा:भौतिकी-आधार

  1. १.० १.१ साँचा:Cite journal
  2. साँचा:Cite web
  3. ARRL Handbook, 66th Ed. American Radio Relay League (1989).