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  • ...] में [[अनुसंधान]] के लिये प्रयुक्त हुए थे क्योंकि तब तक नाभिकीय भौतिकी और कण भौतिकी अलग-अलग नहीं थे। ! त्वरित किया <br />जाने वाला कण ...
    १७ KB (१,८१३ शब्द) - १३:४५, ५ अक्टूबर २०२२

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  • ...शब्द भ्रामक है; क्योंकि अन्य विधा में क्षय के कारण यह सत्य नहीं है कि आधे कण अपने आंशिक अर्ध-आयु के बाद एक विशेष क्षय विधा के माध्यम से क्षय करेंगे। आंश * [http://pdg.lbl.gov कण डेटा समूह] (कण भौतिकी के लिए सूची) ...
    ३ KB (३६ शब्द) - १५:२६, १० सितम्बर २०२४
  • ...ैर्घ्य उस [[फोटॉन]] के [[तरंगदैर्घ्य]] के बराबर होता है जिसकी [[ऊर्जा]] उस कण के द्रव्यमान के [[द्रव्यमान-ऊर्जा तुल्यता|तुल्य]] है। किसी कण की मानक कॉम्प्टन तरंगदैर्घ्य {{math|λ}}, निम्नलिखित समीकरण द्वारा निकाली जा ...
    १ KB (२० शब्द) - १०:५१, २ मार्च २०२०
  • ...ं, में कणों के [[कण क्षय|क्षय]] का वर्णन करने लिए काम में लिया जाता है। एक कण की विचित्रता निम्न प्रकार परिभाषित की जाती है: [[श्रेणी:कण भौतिकी]] ...
    २ KB (९१ शब्द) - १२:४२, १७ जुलाई २०२४
  • [[कण भौतिकी]] में, '''X-आवेश''' (अथवा साधारणतया '''''X''''') [[SO(10)]] [[महा एक [[श्रेणी:कण भौतिकी]] ...
    १ KB (२६ शब्द) - १४:५३, १७ नवम्बर २०२१
  • ...परमाणविक]] [[हैड्रॉन]] कणों का एक परिवार है जिसके प्रतीक चिह्न {{अपरमाणविक कण|डेल्टा++}}, {{SubatomicParticle|Delta+}}, {{SubatomicParticle|Delta0}} और { == कण विन्यास == ...
    ७ KB (२९७ शब्द) - ००:१६, १५ जून २०२०
  • ...ttp://hyperphysics.phy-astr.gsu.edu/hbase/forces/funfor.html |title=मूलभूत कण |access-date=10 जुलाई 2013 |archive-url=https://web.archive.org/web/2013063 चूँकि कलर (वर्ण) आवेश सहित एक कण मुक्त अवस्था में प्राप्त नहीं किया जा सकता अतः इसकी पहुँच केवल फर्मी कोटि ( ...
    ३ KB (१९० शब्द) - ०५:२२, १७ अक्टूबर २०२०
  • [[कण भौतिकी]] में '''बेरिऑन संख्या''' निकाय की [[संरक्षण नियम|लगभग संरक्षित]] [[ ...रोध परिकल्पना के कारण एक हेड्रॉन नैज कलर आवेश नहीं रख सकता; अर्थात किसी भी कण का कुल कलर आवेश शून्य (श्वेत) होना चाहिए। एक क्वार्क तीन तरह के कलर आवेश रख ...
    ७ KB (४० शब्द) - १४:२५, ७ मार्च २०२०
  • '''अनुप्रस्थ द्रव्यमान''' [[कण भौतिकी]] में उपयोग की जाने वाली एक महत्त्वपूर्ण भौतिक राशी है जिस रूप में य ...ञानी अनुप्रस्थ द्रव्यमान की अलग परिभाषा का उपयोग करते हैं, किसी कण के द्वि-कण क्षय की स्थिति में: ...
    ४ KB (२०९ शब्द) - ०९:१५, १७ सितम्बर २०२३
  • ...्ट आपेक्षिकता]] सिद्धान्त के अनुसार प्रकाश के वेग की कोटि के वेग से गतिशील कण [[चिरसम्मत यांत्रिकी]] के गुणधर्मों के समान नहीं होते। जिससे द्रव्यमान सहित कण की विराम ऊर्जा <math>E_{0}</math>, आपेक्षिक ऊर्जा (स्थितिज + गतिज) <math>E< ...
    ३ KB (८२ शब्द) - १५:५२, ३१ जुलाई २०२२
  • ...नहीं होता जब तक <math>f^{abc} = 0</math> और इसके फलस्वरूप परछाप कण (घोस्ट कण) गेज क्षेत्रों से अन्योन्य क्रिया नहीं करता। {{कण}} ...
    ३ KB (७५ शब्द) - ०६:४८, १५ जून २०२०
  • [[कण भौतिकी]] में '''लेप्टॉन संख्या''' [[लेप्टॉन]] में से प्रतिलेप्टॉनों की संख् *<math>L_{\tau}</math>, [[टाऊ (कण)|टाऊ]] और [[टाऊ न्यूट्रिनो]] के लिए '''टाऊनिक संख्या'''; ...
    ८ KB (२४९ शब्द) - २३:०८, १३ सितम्बर २०२२
  • [[कण भौतिकी]] में '''दुर्बल हाइपर आवेश''' एक संरक्षित क्वांटम संख्या है जो [[विद ...utron|link=yes}} &rarr; {{उपपरमाण्विक कण|proton|link=yes}} + {{उपपरमाण्विक कण|electron|link=yes}} + [[इलेक्ट्रॉन न्यूट्रिनो|{{Subatomic particle|Electron ...
    ८ KB (३३० शब्द) - ००:५७, १४ जनवरी २०२१
  • ...न''', '''नैज द्रव्यमान''', '''उपयुक्‍त द्रव्यमान''' या (परिबद्ध निकाय अथवा कण जो अपने [[संवेग केन्द्र निर्देश तंत्र]] में प्रक्षित किए जाते हैं कि स्थिति == उदाहरण: द्विकण संघट्ट == ...
    ९ KB (३९६ शब्द) - ०८:४६, १० जून २०२२
  • ...टम यांत्रिकी]] में '''कुल कोणीय संवेग क्वांटम संख्या''''' [[उपपरमाण्विक कण|कण]] के कुल [[कोणीय संवेग]] का प्राचल होता है जो इसके [[कोणीय संवेग प्राचल|कक् यदि '''s''' कण का प्रचक्रण कोणीय संवेग और '''ℓ''' इसका कक्षीय कोणीय संवेग सदिश है तो कुल क ...
    ४ KB (१५२ शब्द) - ०६:५१, १६ जून २०२०
  • ...े स्वक्रिया (self interaction) की मापक या वैशिष्ट्य है। दूसरे शब्दों में, कण-पुंज पर [[निर्वात आवरण]] (vacuum chamber), रेडियो आवृत्ति कोटर (RF cavities ...भीतर-भीतर चलती है। जिन-जिन स्थानों पर बीम-पाइप का आकार बदलता है वहाँ-वहाँ कण-पुंज प्रतिबाधा का सामना करता है। इसके अलावा [[सूक्ष्मतरंग कोटर|रेडियो आवृत ...
    ५ KB (३४४ शब्द) - १५:०९, २३ जुलाई २०२४
  • ...सर्जन होने पर इसे ''बीटा धन'' ({{SubatomicParticle|Beta+}}) कहते हैं। बीटा कणों की [[गतिज ऊर्जा]] लगातार वर्णक्रम की होती है और इसका परास शून्य से अधिकतम ...
    ३ KB (११३ शब्द) - १७:१५, ५ दिसम्बर २०२२
  • [[कण भौतिकी]] में, '''फर्मी अन्योन्यक्रिया''' (Fermi's interaction) (जिसे '''बीट ...ण के लिए, इस अन्योन्य क्रिया में [[न्यूट्रॉन]] का क्षय, न्यूट्रॉन के निम्न कणों से सीधे संयुग्मन में दर्शाया गया है: ...
    ४ KB (२०९ शब्द) - ०३:३४, १७ अक्टूबर २०२०
  • ...व्यापक नियमों से सन् १९२७ ई. में दी थी। इस सिद्धान्त के अनुसार किसी गतिमान कण की स्थिति और संवेग को एक साथ एकदम ठीक-ठीक नहीं मापा जा सकता। यदि एक राशि अध यदि किसी गतिमान कण के स्थिति निर्दशांक '''x''' के मापन में <math> \Delta x </math>, की त्रुटि ...
    ९ KB (३२४ शब्द) - ११:००, ६ सितम्बर २०२३
  • ...निकाय (उदाहरणार्थ: [[दृढ़ पिण्ड]]) का कोणीय संवेग उस निकाय में उपस्थित सभी कणों के कोणीय संवेग के योग के तुल्य होता है। इसे L से प्रदर्शित किया जाता है। किसी बिन्दु के सापेक्ष किसी 'कण' का कोणीय संवेग को [[सदिश गुणनफल]] के रूप में इस प्रकार अभिव्यक्त किया जा स ...
    ८ KB (२८१ शब्द) - १६:००, २६ नवम्बर २०२२
  • ...सब [[द्रव्यमान]] उस बिन्दु पर संकेंद्रित हो। संहति केन्द्र, केवल निकाय के कणों के स्थिति-सदिश और द्रव्यमान पर निर्भर होता है। संहति केन्द्र पर वास्तविक कणों के किसी निकाय का संहति केंद्र, <math>\vec r_0</math>, कणों की स्थिति के भारित माध्य के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। अर्थात्, कि ...
    ६ KB (१०३ शब्द) - ०२:५२, ७ मार्च २०२०
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