शक्ति गुणांक

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किसी पश्चगामी शक्ति गुणक ( lagging power factor) वाले रैखिक लोड में तात्कालिक वोल्टता, धारा और शक्ति। इसमें धारा, वोल्टता से 45 डिग्री पीछे है। (कलान्तर साँचा:Mvar = 45°, शक्ति गुणक =cos(साँचा:Mvar) ≈ 0.71).

एसी विद्युत शक्ति पर काम कर रहे किसी भार (लोड) द्वारा लिये गये वास्तविक शक्ति (Real power) तथा आभासी शक्ति (Apparent power) के अनुपात को शक्ति गुणक या शक्ति गुणांक (Power factor) कहते हैं। शक्ति गुणांक का संख्यात्मक मान शून्य और १ के बीच में होता है।

शक्ति गुणक = P / S

लोड द्वारा लिये गये शक्ति के औसत मान को 'वास्तविक शक्ति' कहते हैं (एक पूरे आवर्त काल के लिये लिया गया माध्य)। यही शक्ति लोड में उष्मा में बदलती है, यांत्रिक कार्य करती है या किसी अन्य प्रकार की उर्जा में बदलती है। जबकि आभासी शक्ति केवल एक गणितीय राशि है जो लोड के सिरों के बीच के वोल्टेज और लोड से होकर प्रवाहित धारा (दोनों का वर्ग माध्य मूल (RMS) मान) के गुणनफल के बराबर होती है। शक्ति गुणांक विभवान्तर तथा धारा के बीच के कलान्तर (phase difference) के कोज्या (cosine) के बराबर होता है।

शक्ति गुणक = P / S = Cos (साँचा:Mvar)

अर्थात शक्ति गुणांक अच्छा होने के लिये जरूरी है कि वोल्टेज और धारा के बीच में कलान्तर बहुत कम हो। जब धारा, वोल्टता से पीछे होती है (current lags voltage) तो इसे 'लैगिंग पॉवर फैक्टर' कहते हैं; जब धारा, वोल्टता से आगे होती है तो इसे 'लीडिंग पॉवर-फैक्टर' कहा जाता है। उद्योगों में इंडक्शन मोटर एवं अन्य प्रेरकत्व-युक्त लोडों के कारण शक्ति-गुणांक प्रायः पिछड़ा हुआ (लैगिंग) ही रहता है।

वास्तविक शक्ति, आभासी शक्ति एवं कलान्तर को प्रदर्शित करता फेजर-आरेख

शक्ति गुणक का महत्व

किसी लोड द्वारा १ से बहुत कम शक्ति गुणांक पर विद्युत शक्ति लेना अच्छा नहीं माना जाता और अधिकतर बिजली आपूर्ति करने वाली कम्पनियाँ इसके लिये कुछ दण्ड का प्रावधान रखतीं हैं। कम शक्ति गुणांक का सीधा सा अर्थ यह है कि जो काम 'युटिलिटी' से कम धारा लेकर ही किया जा सकता उसके लिये अधिक धारा ली जा रही है। इस अधिक धारा लेने के कारण टान्समिशन लाइन में शक्ति-क्षय (पॉवर लॉस) बढ़ता है; ट्रान्सफार्मर, सर्किट ब्रेकर एवं अन्य चीजें अधिक रेटिंग की लगानी पड़तीं हैं। power + factor मतलब जो हमारी power होती है उसका factor कर देना मतलब दो भागों में तोड़ देना इसमें दो भागों में तोड़ने से मतलब है की पावर में एक Real power होती है और दूसरी Apparent power होती है।[]

शक्ति गुणक सुधारने के उपाय

  • लैगिंग शक्ति-गुणांक को संधारित्र (capacitor ) लगाकर सुधारा जा सकता है।
  • सिनक्रोनस मोटर को 'ओवर-इक्साइटेड' अवस्था में no load चलाने से वह 'लीडिंग' करेंट लेती है (जैसे कैपेसिटर लेता है) - इससे भी शक्ति-गुणांक सुधारा जा सकता है।
  • आजकल कुछ शक्ति-एलेक्ट्रानिक युक्तियों की सहायता से भी शक्ति गुणाक सुधारा जा सकता है। (जैसे टीसीआर आदि)

अज्यावक्रीय (नॉन-साइनस्वायडल) धारा की दशा में शक्ति गुणांक

150 kV सबस्टेशन में लगा 75 Mvar कैपेसिटर बैंक

जब धारा साइनवक्रीय नहीं होती, उस समय धारा के फुर्ये श्रेणी (Fourier Series) के प्रथम हार्मोनिक के सन्दर्भ में शक्ति गुणक की बात की जाती है।

परिभाषाएँ

P=UI1cosφ1

आभासी शक्ति S को निम्नलिखित प्रकार से भी लिखा जा सकता है-

S=P2+Q2+D2

जहाँ,[]

  • रिएक्टिव शक्ति (रिएक्टिव पॉवर) : Q=UI1sinφ1
  • डिफॉर्मेशन शक्ति: D तथा D2=U12(I22+I32+...+In2)=U12Ih2

जहाँ:

  • I1 : धारा I के मूल आवृत्ति वाले अवयव का मान
  • Ih : धारा I के hवें सन्नादी का मान
  • φ1: मूल आवृत्ति की धारा i1(t) तथा वोल्टता के बीच कलान्तर
  • cosφ1 : डिस्प्लेसमेण्ट गुणक
विस्तृत गणना

परिभाषानुसार : S2=U2I2

जहाँ :

U2=U12 (माना कि वोल्टता पूर्णतः ज्यावक्रीय (साइनसस्वायडल) है।)
I2=I12+I22+...In2+...

अतः

S2=U2I12+U2I22+...+U2In2+...
S2=(UI1cosφ1)2+(UI1sinφ1)2+U2I22+...+U2In2+...
S2=P2+Q2+U2(I22+...+In2+...)
S2=P2+Q2+U2Ih2

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ