शेषफल प्रमेय

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बीजगणित में बहुपदी शेषफल प्रमेय, बहुपदी दीर्घ भाजन (polynomial long division) का एक अनुप्रयोग है। इस प्रमेय के अनुसार, किसी रेखीय भाजक (divisor) xa से किसी बहुपद f(x) को भाग करने पर शेष r का मान f(a) के बराबर होता है।

उदाहरण

माना f(x)=x312x242.

x3 से बहुपदी भाग करने पर भागफल

x29x27 तथा शेष 123 प्राप्त होता है।

और दूसरी तरफ, f(3)=123. अतः f(x) को (x-3) से विभाजित करने पर शेष = f(3)= -123।

उपपत्ति

यह बहुपदी दीर्घ भाजन की परिभाषा से ही स्पष्ट हो जाता है, क्योंकि

f(x)=q(x)g(x)+r(x)

जहाँ g(x), q(x), एवं r(x) क्रमशः भाजक, भजनफल एवं शेष हैं तथा r(x) की कोटि (डिग्री) g(x) की डिग्री से कम है।

अब यदि g(x)=xa रखा जाय तो शेष r(x) की डिग्री शून्य होगी; अर्थात r(x)=r और

f(x)=q(x)(xa)+r.

अब x=a रखने पर

f(a)=r. प्राप्त होता है।

इतिसिद्धम्

उपयोग

  • बहुपदी शेषफल प्रमेय का एक उपयोग है कि हम इसकी सहायता से जान सकते हैं कि कोई रेखिइय व्यंजक किसी बहुपद का एक गुणनखण्ड (फैक्टर) है या नहीं। इसे गुणनखण्ड प्रमेय (फैक्टर थीअरम) कहते हैं।
  • शेषफल प्रमेय एवं सिंथेटिक डिविजन का एक साथ उपयोग करते हुए कम मेहनत (कम कम्प्यूटिंग के द्वारा) ही कोई फलन का मान निकाला जा सकता है।