१ + १ + १ + १ + · · ·

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गणित में, 1 + 1 + 1 + 1 + · · ·, जिसे निम्न प्रकार भी लिखा जाता है n=1n0, n=11n, अथवा साधारणतया n=11, एक अपसारी श्रेणी है इसका अर्थ यह है कि इस अनुक्रम के आंशिक योग वास्तविक संख्याओं में सीमा पर अभिसरण नहीं करते। अनुक्रम 1n को सार्वानुपात 1 के साथ गुणोत्तर श्रेणी भी माना जा सकता है। विस्तारित वास्तविक संख्या रेखा के प्रसंग में

n=11=+

चूँकि इसके आंशिक योग का अनुक्रम सीमा रहित एकदिष्‍टतः वर्धमान है।

जहाँ n0 का योग एक भौतिकीय अनुप्रयोग के रूप में प्राप्त होता है, यह कभी-कभी ज़ेटा फलन नियमितीकरण के रूप में भी प्राप्त होता है। यह रीमान ज़ेटा फलन का 1=s = 0 पर मान है

ζ(s)=n=11ns=1121sn=1(1)n+1ns

यद्यपि उपरोक्त दोनों सूत्र शून्य पर वैध नहीं हैं, अतः रीमान ज़ेटा फलन का वैश्‍लेषिक अनुवर्ती काम में लिया जा सकता है,

ζ(s)=2sπs1 sin(πs2) Γ(1s) ζ(1s),

इसका उपयोग करने पर (यहाँ Γ(1) = 1 दिया गया है।),

ζ(0)=1πlims0 sin(πs2) ζ(1s)=1πlims0 (πs2π3s348+...) (1s+...)=12

जहाँ ζ(s) का घातिय श्रेणी विस्तार लगभग s = 1 लागू होता है क्योंकि ζ(s) का वहाँ पर अवशेष का साधारण ध्रुव प्राप्त होता है। इस अर्थ में 1 = 1 + 1 + 1 + 1 + · · · = ζ(0) = 1/2 लिखा जाता है।

एमिलिओ एलिज़ल्ड़े ने श्रेणी के सम्बंध में निम्न प्रकार से प्रस्तुत किया: साँचा:Blockquote

ये भी देखें

टिप्पणी

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बाहरी कड़ियाँ

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