६८–९५–९९.७ नियम


सांख्यिकी में आनुभविक नियम अथवा 68–95–99.7 नियम प्रसामान्य बंटन के लिए याद रखी जाने वाली कुछ सामान्य संख्याये हैं। ये आनुपातिक संख्यायें हैं जो प्रसामान्य बंटन के कुछ विशेष आंतरिक अन्तराल के अन्दर स्थित प्रतिशत क्षेत्रफल का मान होता है। प्रसामान्य बंटन में माध्य से एक मानक विचलन तक शामिल क्षेत्र, कुल क्षेत्रफल का 68% होता है और इसी तरह क्रमशः 2 मानक विचलन और 3 मानक विचलन के तुल्य क्षेत्रफल का प्रतिशत मान क्रमशः 95% और 99.7% होता है।
गणितीय अंकन में निम्नलिखित रूप में समझा जा सकता है:
यहाँ साँचा:Math प्रायिकता बंटन है[१], साँचा:Mvar प्रसामान्य बंटन के यादृच्छिक चर का प्रेक्षण मान, साँचा:Mvar (म्यू) बंटन का माध्य और साँचा:Mvar (सिग्मा) मानक विचलन है।
उपरोक्त आनुपातिक मानों की उपयोगिता विशेष रूप से विचाराधीन प्रश्न पर निर्भर करती है।
आनुभविक विज्ञान में थ्री सिग्मा नियम' (अथवा 3साँचा:Mvar नियम) एक पारम्परिक मान को व्यक्त करता है। किसी अध्ययन में प्रेक्षित लगभग सभी बिन्दू माध्य से तीन मानक विचलन की परास में शामिल होते हैं अतः यह आनुभविक रूप से 99.7% प्रायिकता को निश्चित करता है।[२]
सामाजिक विज्ञान में दो सिग्मा (मानक विचलन) तक की कोटि के परिणामों को सार्थक माना जाता है जबकि कण भौतिकी में किसी प्रेक्षण को खोज घोषित करने के लिए पांच-सिग्मा (99.99994% विश्वास सीमा) तक गणना करने की परिपाटी है।
एक दुर्बल थ्री-सिग्मा नियम चेबिसेव असमानता से व्युत्पन्न किया जाता है जिसके अनुसार वो चर जो एक प्रसामान्य बंटन से नहीं हैं, उनके लिये थ्री-सिग्मा अन्तराल की गणना करने के लिए प्रायिकता का मान कम से कम 88.8% होना चाहिए। एकरूप बंटन के लिए वैसोचैन्स्की-पेतुनिन असमानता के अनुसार थ्री-सिग्मा अंतराल के भीतर होने की प्रायिकता कम से कम 95% होना चाहिए। किसी बंटन के लिए कुछ निश्चित विधियाँ हो सकती हैं जो इस प्रायिकता को कम से कम 98% होने के लिए बाध्य करती हैं।[३]
उपपत्ति
प्रायिकता के सामान्य समालकन सूत्र से चर से प्रतिस्थापित करने पर
और यह समाकलन चर और से स्वतंत्र है। अतः हमें समाकलन का मान के लिए ज्ञात करना है।
संचयी बंटन फलन

संख्यात्मक मान "68%, 95%, 99.7%" प्रसामान्य बंटन के संचयी बंटन फलन से आते हैं।
किसी भी मानक मान z के तुल्य अन्तराल के लिए प्रागुक्त संख्यात्मक मान साँचा:Math होता है।
उदाहरण के लिए साँचा:Math या साँचा:Math के तुल्य प्रागुक्त अन्तराल का मान साँचा:Math प्राप्त होता है। यह सममित अन्तराल नहीं है – यह केवल ऐसी प्रायिकता है जो साँचा:Math अन्तराल के प्रेक्षण को दिखाती है। किसी प्रेक्षण के माध्य से दो मानक विचलन के अन्तराल में होने की प्रायिकता ज्ञात करने के लिए निम्नलिखित विधि काम में ली जाती है: यहाँ छोट अन्तर का सन्निकटन मान लिया गया है।
यह सांख्यिकी में काम आने वाले विश्वस्यता स्तर से सम्बंधित है: लगभग 95% विश्वस्यता स्तर को प्रदर्शित करता है जहाँ , संख्याओं वाले बारम्बारता का माध्य है।
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:Cite book
- ↑ थ्री सिग्मा नियम को सामान्य उपयोग में 2000 के दशक से काम में लिया जा रहा है जिसके लिए कुछ स्रोत निम्नलिखित हैं
- ↑ देखें: