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- [[कण भौतिकी]] में विचित्रता ''S'' कण का [[भौतिक गुणधर्म|गुणधर्म]] है जिसे [[क्वाण्टम संख्या|क्वान्टम संख्या]] के रूप उल्लिख [[श्रेणी:कण भौतिकी]] ...२ KB (९१ शब्द) - १२:४२, १७ जुलाई २०२४
- '''अभिवाह''' या '''फ्लक्स''' (flux) की [[अवधारणा]] का [[भौतिक शास्त्र|भौतिकी]] व [[व्यावहारिक गणित]] में कई तरह से उपयोग होता है। मोटे तौर पर, किसी स्थ ...स्थाई [[दृग्विषय|परिघटना]] भी हो सकती है), जबकि प्रवाह में किसी प्रकार के भौतिक बहाव का होना आवश्यक है। ...६ KB (१५२ शब्द) - २३:५३, १३ अगस्त २०२२
- ...] का वह भाग जिसे उपयोग में नहीं लाया जा सकता (दूसरे शब्दों में, ''[[कार्य (भौतिकी)|कार्य]] में नहीं बदला जा सकता''), उस निकाय की एन्ट्रॉपी कहलाती है। एण्ट्र # एन्ट्रॉपी एक [[भौतिक राशि]] है, जिसकी गणना की जा सकती है। ...७ KB (१०५ शब्द) - १७:५५, २६ जुलाई २०२४
- ...वेग तुल्य होती है (जैसे 60 किमी प्रति घण्टा उत्तर की तरफ)। वेग [[चिरसम्मत भौतिकी]] में पिण्डों की गति को वर्णित करने वाली शाखा में गतिकी का एक मूलभूत अवधार वेग एक सदिश भौतिक राशि है; जिसके लिए परिमाण और दिशा दोनों आवश्यक हैं। ...९ KB (२६३ शब्द) - ०९:११, १८ जून २०२३
- ...मुख्यधारा के [[नवशास्त्रीय अर्थशास्त्र|नवशास्त्रीय सिद्धांतों]] की प्रमुख अवधारणाओं में से एक है, जिसका उपयोग सीमांत उत्पाद को परिभाषित करने और आवंटन दक्षता ...नुमान]] एक रूपरेखा तैयार करने के लिए लगाया जाता है जिसमें कारक आवंटन (जैसे भौतिक पूंजी का संचय) में बदलाव के लिए कितना [[आर्थिक वृद्धि|आर्थिक विकास]] होता ह ...६ KB (१४५ शब्द) - १६:०८, २२ जून २०२३
- === भौतिकी में === ...त्त्व है। इसलिए [[समय अवकलज]] (time derivative) की अवधारणा अनेक महत्वपूर्ण अवधारणाओं की परिभाषा के लिए अति आवश्यक है। उदाहरण के लिए [[गतिविज्ञान]] में किसी वस ...११ KB (९६१ शब्द) - ०७:५६, ९ मार्च २०२४
- ...बांधते हैं। जालक ऊर्जा का आकार घुलनशीलता, कठोरता और अस्थिरता सहित कई अन्य भौतिक गुणों से जुड़ा होता है। चूँकि इसे आम तौर पर सीधे मापा नहीं जा सकता, जालक ऊर ...n=4th}}</ref> साथ ही व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला [[रसायन विज्ञान और भौतिकी की सीआरसी हैंडबुक]]<ref>{{Cite book|title=CRC handbook of chemistry and ph ...६ KB (१८५ शब्द) - १२:१८, २७ फ़रवरी २०२४
- ...यूटन के गति के नियम|न्यूटन के गति के द्वितीय नियम]] के अनुसार, बल [[संवेग (भौतिकी)|संवेग]] परिवर्तन की दर के अनुपाती है। [[आवेग (भौतिकी)|आवेग]] द्वितीय नियम से संबंधित है। आवेग का मतलब है संवेग में परिवर्तन। अर ...१४ KB (२२३ शब्द) - १८:५८, ६ जनवरी २०२५
- [[भौतिक विज्ञान]] में '''कोणीय संवेग''' (Angular momentum), '''संवेग आघूर्ण''' (mom [[श्रेणी:भौतिकी की अवधारणाएँ]] ...८ KB (२८१ शब्द) - १६:००, २६ नवम्बर २०२२
- ...f |url-status=dead }}</ref> व्यापक रूप में [[ऊर्जा]] में भिन्नता का सार्थक भौतिक महत्व है।<ref>{{cite book|last=मोडेल|first=माइकल|author2=रॉबर्ट सी॰ रीड|tit * [[निश्चर (भौतिकी)]] ...९ KB (३९६ शब्द) - ०८:४६, १० जून २०२२
- [[श्रेणी:भौतिक परिघटनाएँ]] [[श्रेणी:भौतिकी में समय]] ...८ KB (४२७ शब्द) - १३:४५, ४ फ़रवरी २०२४
- ...जो आमतौर पर ऊष्मा के रूप में ऊर्जा को अवशोषित करती है। इस अवधारणा को अक्सर भौतिक विज्ञान में [[रासायनिक अभिक्रिया|रासायनिक अभिक्रियाओं]] पर लागू किया जाता ह ...१५ KB (२०८ शब्द) - ०७:४६, ७ जुलाई २०२४
- [[भौतिकी]] में, '''ऊर्जा''' [[भौतिक वस्तु|वस्तुओं]] का एक [[भौतिक गुण|गुण]] है, जो अन्य वस्तुओं को स्थानांतरित किया जा सकता है या विभिन्न रूप .... में हरमान फान हेल्महोल्ट्स ने एक पुस्तक लिखी जिसमें ऊष्मा, चुंबक, बिजली, भौतिक रसायन आदि विभिन्न क्षेत्रों के उदाहरणों द्वारा उष्मा-अविनाशिता-सिद्धांत का ...४९ KB (५५० शब्द) - १३:३०, २६ अगस्त २०२४
- कैलकुलस का उपयोग सभी भौतिक विज्ञानों, इंजीनियरी, [[कम्प्यूटर विज्ञान|संगणक विज्ञान]], [[सांख्यिकी]], [ ...२२ KB (८७४ शब्द) - १०:२३, १३ नवम्बर २०२४
- सैचेव और वय्कज़िनस्की दो भौतिक सिद्धान्तों: ''अत्यल्प विश्रांति'' और ''मापक पृथक्करण'' की सहायता से परिणाम ...{nowrap|[[१ + २ + ३ + ४ + · · ·|1 + 2 + 3 + 4 + ...]]}} है, जिसके आधुनिक [[भौतिकी]] में गहरा अनुप्रयोग हैं लेकिन योग के लिए बहुत कठिन विधियों की आवश्यकता हो ...४७ KB (१,२२१ शब्द) - ०६:३५, १४ दिसम्बर २०२३
- ...ंसमीटर को एक कोड दिया जाता है) उपलब्ध कराता है जो कई उपयोगकर्ताओं को सामान भौतिक चैनल पर बहुसंकेतन की अनुमति देता है। अब, हस्तक्षेप के भौतिक गुणों के कारण, एक बिंदु पर दो सिग्नल समान प्रावस्था में हैं, वे प्रत्येक सि ...५९ KB (८८६ शब्द) - ०४:५१, १४ दिसम्बर २०२३
- आधुनिक समय में ज्यामितीय अवधारणाओं को काल्पनिकता और जटिलता के एक उच्च स्तर तक सामान्यीकृत कर दिया गया है और ...ि ज्यामिति "अपरिवर्तनशील स्वरूपों" या अमूर्तता का अध्ययन करती है जिसके लिए भौतिक वस्तुएं केवल अनुमान हैं; और उन्होंने "स्वयंसिद्ध विधि" के विचार को विकसित क ...११० KB (१,४१९ शब्द) - ०४:०८, २० सितम्बर २०२४
- .../ref> [[परमाणु|परमाणुओं]] के बहुत ही सूक्ष्म स्तर पर ऐसा नहीं होता और यहाँ भौतिकी समझने के लिए पाया गया कि वस्तुएँ और [[प्रकाश]] कभी तो कण की प्रकृति दिखाती ...ame="SZY843-4">[http://books.google.com/books?id=SZAwAAAAYAAJ विश्विद्यालय भौतिकी (यूनिवर्सिटी फिज़िक्स, अंग्रेज़ी में)] {{Webarchive|url=https://web.archiv ...२९ KB (३९० शब्द) - ०३:०४, २३ अक्टूबर २०२४
- ...ी वस्तु पर लगने वाले [[बल (भौतिकी)|बल]] और उससे उत्पन्न उस वस्तु की [[गति (भौतिकी)|गति]] के बीच सम्बन्ध बताते हैं। इन्हें तीन सदियों में अनेक प्रकार से व्यक ...n| isbn =978-0-7645-5433-9}}</ref><ref name=NCERTPhysics>{{Cite book|title=भौतिकी भाग १ कक्षा ११| publisher=NCERT}}</ref> ...३८ KB (१,१२९ शब्द) - ०८:०४, २८ सितम्बर २०२४
- भौतिक विज्ञान में '''कृष्णिका''' पदार्थ की एक आदर्शीकृत अवस्था है, जो अपने ऊपर पड ...वाले क्षेत्र के सौर संतुलनस्थिति की अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। शास्त्रीय भौतिकी में सौर संतुलन में प्रत्येक अलग-अलग फूरियर मोड में समान ऊर्जा होनी चाहिए। ...७१ KB (१,६९८ शब्द) - ०७:२१, १३ अप्रैल २०२४