घात नियम

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साँचा:कलन कलन में, घात नियम अथवा घातांक नियम (power rule) f(x)=xr रूप के फलनों के अवकलज के लिए काम में लिया जाता है जहाँ r एक वास्तविक संख्या है। चूँकि अवकलज अवकलनीय फलनों के लिए रैखिक संक्रिया है, बहुपदों को भी इसी नियम से अवकलित किया जा सकता है। घात नियम टेलर श्रेणी का आधार है क्योंकि इसमें अवकलजों की घात श्रेणी से सम्बंधित है।

घात नियम का कथन

किसी वास्तविक संख्या rसाँचा:Efn और x के लिए कोई फलन f इस प्रकार है f(x)=xr तब

f(x)=rxr1.

समाकलन के घात नियम के अनुसार, सभी वास्तविक संख्याओं r1 के लिए

xrdx=xr+1r+1+C

यह अवकलज के घात नियम को व्युत्क्रमित करके प्राप्त किया जा सकता है। यहाँ C एक समाकलन नियतांक है।

उपपत्ति

वास्तविक घातांकों के लिए उपपत्ति

इसे आरम्भ करने के लिए पहले हमें साँचा:Nowrap के मान के लिए एक कार्यकारी परिभाषा का चयन करना होगा जहाँ r कोई भी वास्तविक संख्या है। यद्यपि घातांक का मान अपरिमेय होने की स्थिति में इसे परिमेय घातांकों के अनुक्रम की सीमा अथवा दी गयी घात की परिमेय घातांक के किसी समुच्चय की न्यूनतम उपरी सीमा के रूप में परिभाषित करना आसान रहता है। इस तरह की परिभाषा अवकलज के लिए मान्य नहीं है। अतः फलनीय परिभाषा अधिक उपयुक्त रहती है जिसके अनुसार सभी साँचा:Nowrap मानों के लिए xr=exp(rlnx) लिख सकते हैं जहाँ exp(x)=ex प्राकृतिक चरघातांकी फलन है और e आयलर संख्या है।[][] सर्वप्रथम हमें यह प्रदर्शित करना चाहिए कि f(x)=ex का अवकजल f(x)=ex होगा है।

यदि साँचा:Nowrap है तो साँचा:Nowrap होगा जहाँ ln आयलर द्वारा प्रदर्शित चरघातांकी फलन का व्यूत्क्रम फलन है जिसे प्राकृतिक लघुगणक फलन कहते हैं।[] चूँकि बाद के दोनों फलन साँचा:Nowrap के लिए समान रहते हैं और उनका अवकलज भी समान रहता है। अतः शृंखला नियम से, 1f(x)f(x)=1 या साँचा:Nowrap अतः साँचा:Nowrap पर शृंखला नियम लगाने पर f(x)=rxerlnx=rxxr जिसे सरल रूप में साँचा:Nowrap लिख सकते हैं।

जब साँचा:Nowrap हो तब हम समान परिभाषा साँचा:Nowrap के साथ काम में ले सकते हैं जहाँ साँचा:Nowrap है। यह आवश्यक रूप से समान परिणाम पर पहुँचता है। ध्यान रहे चूँकि r के परिमेय नहीं होने की स्थिति में (1)r की परिभाषा सामान्य अर्थों के अनुसार नहीं होती। ऋणात्मक आधार वाले अपरिमेय घातांक फलनों के लिए परिभाषा सुपरिभाषित नहीं है। इसके अतिरिक्त −1 की अपरिमेय घातांक वास्तविक संख्यायें नहीं होती हैं, ये व्यंजक विषम हरात्मक मानों (न्यूनतम पदों में) के परिमेय होने की स्थिति में ही वास्तविक होंगे।

जब भी फलन साँचा:Nowrap पर अवकलनीय है तब अवकल के लिए परिभाषित सीमा limh0hr0rh जिसका मान r के विषम हरात्मक मान वाली परिमेय संख्याओं और साँचा:Nowrap के लिए शून्य होगा। इस व्यंजक का मान साँचा:Nowrap के लिए 1 होगा। साँचा:Nowrap के सभी मानों के लिए साँचा:Nowrap की स्थिति में व्यंजक hr सु-परिभाषित नहीं है, उपर वर्णित परिभाषा के अनुसार यह वास्तविक संख्या नहीं है अतः इसके वास्तविक मान अवकलज की सीमा प्राप्त नहीं की जा सकती।

व्यंजक 00 (साँचा:Nowrap की स्थिति में) इसका अपवाद है।


पूर्णांक घातांक के लिए उपपत्ति

आगमन विधि द्वारा उपपत्ति (प्राकृतिक संख्याएँ)

माना n तब हमें इसके लिए सिद्ध करना है कि ddxxn=nxn1 होता है। इसमें शुरूआती संख्यायें n=0 या n=1 हो सकती हैं जो प्राकृतिक संख्याओं के समुच्चय की परिभाषा पर निर्भर करता है।

जब n=0, ddxx0=ddx(1)=limh011h=limh00h=0=0x01.

जब n=1, ddxx1=limh0(x+h)xh=limh0hh=1=1x11.

अतः शुरूआती संख्याओं के लिए दोनों के लिए सही है।

माना कि उपरोक्त कथन किसी प्राकृतिक संख्या k के लिए सत्य है अर्थात् ddxxk=kxk1

जब n=k+1,ddxxk+1=ddx(xkx)=xkddxx+xddxxk=xk+xkxk1=xk+kxk=(k+1)xk=(k+1)x(k+1)1 अतः गणितीय आगमन विधि से सिद्ध होता है कि कथन सभी प्राकृतिक संख्याओं n के लिए सत्य है।

द्विपद प्रमेय द्वारा उपपत्ति (प्राकृतिक संख्या)

माना y=xn, जहाँ n.

तब dydx=limh0(x+h)nxnh=limh01h[xn+(n1)xn1h+(n2)xn2h2++(nn)hnxn]=limh0[(n1)xn1+(n2)xn2h++(nn)hn1]=nxn1

ऋणात्मक पूर्णांक घातांकों का व्यापकीकरण

ऋणात्मक पूर्णांक n के लिए माना n=m अतः m एक धनात्मक पूर्णांक है। व्युत्क्रम नियम के अनुसार

ddxxn=ddx(1xm)=ddxxm(xm)2=mxm1x2m=mxm1=nxn1

परिणामस्वरूप किसी भी पूर्णांक n के लिए ddxxn=nxn1 सिद्ध होता है।

परिमेय घातांकों के लिए व्यापकीकरण

पूर्णांक घातांक के लिए घातांक नियम सिद्ध करने के बाद अब इसे परिमेय संख्यायें के लिए विस्तृत किया जा सकता है।

शृंखला नियम द्वारा उपपत्ति

यह उपपत्ति दो चरणों में की जाती है जिसमें अवकलन के लिए शृंखला नियम शामिल किया जाता है।

  1. माना y=xr=x1n, जहाँ n+ है तब yn=x प्राप्त होता है। शृंखला नियम से nyn1dydx=1 प्राप्त होता है जिसे dydx के लिए हल करने पर dydx=1nyn1=1n(x1n)n1=1nx11n=1nx1n1=rxr1अतः घात नियम 1/n रूप के सभी परिमेय घातांको के लिए लागू होता है जहाँ n शून्यत्तर प्राकृतिक संख्या है। इसे घात नियम लागू करते हुये p/q रूप की परिमेय घातांकों के लिए व्यापकीकृत करने के लिए आवश्यक पद को आगे समझाया गया है।
  2. माना y=xr=xp/q, जहाँ p,q+, अतः r, अतः शृंखला नियम से dydx=ddx(x1q)p=p(x1q)p11qx1q1=pqxp/q1=rxr1

उपरोक्त परिणामों से हम कह सकते हैं कि परिमेय संख्या r के लिए ddxxr=rxr1 प्राप्त होता है।

अस्पष्ट अवकलन से उपपत्ति

परिमेय घातांको के घात नियम का अधिक स्पष्ट व्यापकीकरण, अस्पष्ट अवकलन से माना y=xr=xp/q, जहाँ p,q अतः r

तब yq=xpसमीकरण को x के सापेक्ष अवकलित करने परqyq1dydx=pxp1 dydx के लिए हल करने पर,dydx=pxp1qyq1.चूँकि y=xp/q,ddxxp/q=pxp1qxpp/q.चरघातांकी नियमानुसार,ddxxp/q=pqxp1xp+p/q=pqxp/q1.अतः r=pq मानने पर हमें ddxxr=rxr1 प्राप्त होता है जहाँ r अपरिमेय संख्या है।

सन्दर्भ

टिप्पणी

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उद्धरण

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